ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरशहर और राज्य इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या का मामला: अर्नब के खिलाफ 1914 पन्नों की चार्जशीट दायर, पुलिस ने कहा- गोस्वामी के खिलाफ मजबूत डिजिटल एविडेंस 5th December 20205th December 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: रायगढ़ पुलिस ने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक सुसाइड केस में 1914 पन्नों की चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें सबसे खास यह है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ लगे प्रमुख आरोप को हटा लिया गया है। इससे पहले आरोप लगा था कि वे नाईक की आत्महत्या के मामले में उकसाने वाले मुख्य साजिशकर्ता में से एक थे।चार्जशीट में अब कहा गया है कि 2018 के इस मामले में वे आत्महत्या के लिए उकसाने वाले मुख्य साजिशकर्ता में शामिल नहीं हैं। हालांकि, चार्जशीट में अब भी धारा 306 (सुसाइड के लिए उकसाने) के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा धारा 109 (अपराध के लिए उकसाना) भी जोड़ी गई है। इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक ने अपने सुसाइड नोट में अर्नब गोस्वामी, आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया के फिरोज शेख और स्मार्टवर्क्स के नीतेश शारदा को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले में 65 लोगों की गवाही हुई हैविशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने कहा कि आरोप पत्र में गोस्वामी के अलावा फिरोज शेख और नीतीश शारदा के नाम आरोपी के रूप में लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 65 लोगों को गवाह बनाया गया है। चार्जशीट में CrPC की धारा 164 के तहत 6 इकबालिया बयानों का उल्लेख भी है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, गवाहों में मृतक के परिवार के सदस्य और उनके लिए काम करने वाले कर्मचारी हैं। इसके अलावा तीनों आरोपियों के कर्मचारियों का बयान भी इसमें शामिल किया गया है। अर्नब के खिलाफ मजबूत डिजिटल एविडेंसचार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि उनके पास अर्नब और अन्य आरोपियों के खिलाफ मजबूत डिजिटल सबूत हैं। इसके अलावा अन्वय नाइक द्वारा आरोपियों को भेजे गए ईमेल भी आरोप की पुष्टि करते हैं। सुसाइड नोट को डाइंग डिक्लेरेशन मानते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि क्राइम ब्रांच के फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने इसकी पुष्टि की है कि सुसाइड नोट अन्वय ने लिखा था। फोरेंसिक रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि वह नोट लिखते समय दबाव में नहीं थे। चर्चशीट पर रोक की याचिका हाईकोर्ट में लंबितअर्नब ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से आरोप पत्र दायर करने पर रोक लगाए जाने का अनुरोध किया था। लेकिन इस याचिका पर अभी सुनवाई नहीं हुई है। अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी, शेख और शारदा को मामले में चार नवंबर को गिरफ्तार किया था। उन्हें 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। वो मामला जिसमें अर्नब की हुई थी गिरफ्तारीइंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक, अपनी मां कुमुद नाईक के साथ, मई 2018 में अलीबाग में उनके बंगले में मृत पाए गए थे। अन्वय बंगले के पहली मंजिल पर लटका हुआ पाया गया था। घटना के बाद एक सुसाइड नोट मिला था, जो कथित तौर पर अन्वय ने लिखा था।इस सुसाइड नोट में अन्वय ने आरोप लगाया था कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें तीन कंपनियों के मालिकों द्वारा बकाया पैसों की मंजूरी नहीं दी गई थी जिसमें रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी, आई कास्ट/स्काई मीडिया फिरोज शेख और स्मार्ट वर्कर्स के नीतीश सारडा शामिल हैं। जांच में पता चला की अन्वय कर्ज में था और कर्ज चुकाने के लिए संघर्ष कर रहा था। पुलिस ने भी कहा था कि अन्वय ने आत्महत्या की थी। Post Views: 107