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उद्धव की रैली के बाद, दिल्ली में सीएम शिंदे बोले- ढाई साल बाद आई शिवसैनिकों की याद?

तुम हमको जमीन दिखाओगे…तो हम तुमको आसमान दिखाएंगे: उद्धव ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। यह राजनीतिक घमासान कब खत्म होगा यह कहना अभी मुश्किल है। शिवसेना के दोनों खेमे एक दूसरे पर लगातार जवाबी हमले कर रहे हैं। इन सब के बीच दशहरा रैली को लेकर उद्धव और शिंदे कैंप आमने-सामने है। इसी बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने दोनों गुटों को बड़ा झटका दिया है।
दरअसल, मनपा ने दोनों खेमों को मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट को बड़ा झटका देते दादर स्थित शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। मनपा ने शिंदे गुट के विधायक सदा सरवणकर को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के लिए आवेदन को खारिज किया गया है। इसके पीछे की वजह कानून-व्यवस्था को बताया है। बीएमसी द्वारा भेजे गए इस पत्र से साफ है कि शिवसेना के उद्धव गुट को भी दादर के शिवाजी पार्क में अनुमति नहीं मिलने वाली है।
दरअसल, उद्धव और शिंदे गुट में से किसी को भी अगर बीएमसी अनुमति देती है तो यहां कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाएगी। यही कारण है कि बीएमसी ने ‘दशहरा रैली’ की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले उद्धव गुट की शिवसेना ने एक पोस्टर जारी कर शिवसैनिकों को दशहरा रैली के लिए शिवाजी पार्क पहुंचने के लिए कहा था। साथ ही पार्टी की तरफ से कहा गया कि चाहे बीएमसी की तरफ से अनुमति मिले या न मिले दशहरा रैली शिवाजी पार्क में ही होगी।

इसी बीच शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में एक रैली कर एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर हमला बोला है। ठाकरे की रैली के बाद अब सीएम एकनाथ शिंदे ने भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिवसैनिकों की ढाई साल बाद याद आई है।

राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि अब उन्हें शिवसैनिकों की याद आ रही है? ढाई साल बाद? शिंदे ने सवाल किया कि पहले जब शिवसेना के कार्यकर्ता और पदाधिकारी ‘मातोश्री’ जाते थे तो दुत्कारे जाते थे, वापस लौटा दिए जाते थे।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमें गद्दार कहने वाले खुद सत्ता के लिए और मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भाजपा से वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ दिया। शिंदे ने कहा कि पोस्टरों और बैनरों में एक तरफ बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाकर वोट मांगा लेकिन उसे छोड़ने में देर नहीं की। शिंदे ने कहा कि जो खुद बालासाहेब के विचार छोड़ गए और उनका कहा भूल गए कि कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना के दुश्मन है।
शिंदे ने कहा कि हमने सत्ता के लिए ये सब नहीं किया है। हम सरकार में थे। मुझे पता नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। यह कदम मैंने सीएम बनने के लिए नहीं उठाया है। शिंदे ने कहा कि मेरे साथ जो लोग आए उनमें से कई मंत्री थे। लेकिन उन्होंने सब छोड़ दिया। हमनें जो किया वह सब बालासाहेब के विचारों और हिंदुत्व के लिए किया है।

मुंबई की रैली में क्या बोले उद्धव ठाकरे?
गोरेगांव के नेस्को कॉम्प्लेक्स में बुधवार को एक रैली को सम्बोधित करते हुए पूर्व सीएम व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि मुंबई देश का वित्तीय केंद्र है और आप वहां से वित्तीय केंद्र चलाते हैं? क्या आप वेदांत के बारे में झूठ बोलते हैं? उद्धव ठाकरे ने वेदांत परियोजना पर शिंदे समूह की आलोचना की। उन्होंने कहा कि शिवसेना इसे समाप्त करने की बात करने वालों को करारा जवाब देगी।
करीब आधे घंटे के अपने भाषण में उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर आलोचना की।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को आगामी मुंबई निकाय चुनावों में उसे हराने की चुनौती देते हुए कहा कि मुंबई के साथ उनकी पार्टी का अटूट रिश्ता है।
ठाकरे ने बीजेपी पर 1.54 लाख करोड़ रुपये की वेदांत-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना पर झूठ बोलने का भी गंभीर आरोप लगाया, जिसे गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया है।
उद्धव ने कहा कि केंद्र सरकार इस परियोजना को बीजेपी शासित राज्य में स्थानांतरित करने के बाद भारी प्रोत्साहन दे रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी पार्टी से बीएमसी चुनावों में शिवसेना को उसकी जगह दिखाने के लिए कहा है। मुंबई के साथ शिवसेना का अटूट रिश्ता अटूट था और पार्टी उस दिन के साथ गहराई से जुड़ी हुई थी। आम मुंबईकरों का दैनिक जीवन, जब भी आवश्यकता होती है, उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
उद्धव ठाकरे ने अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी से लोगों को यह बताने के लिए कहा कि मुंबई के निर्माण में उसका क्या योगदान था, इसके अलावा इसे सिर्फ अचल संपत्ति का एक टुकड़ा मानें। उन्होंने आगे कहा कि मुझे अपने परिवार पर गर्व है जिन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में हिस्सा लिया।
ठाकरे ने कोरोना महामारी के दौरान बीजेपी के भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, अगर जान बचाना भ्रष्टाचार है, तो हमने यह किया है। ठाकरे ने कहा जब भी मुंबई पर कोई संकट आता है तब बीजेपी वाले नहीं शिवसैनिक आगे जाते हैं। कसाब के आतंकी हमले में सबसे आगे लोगों की मदद के लिए शिवसैनिक थे। एक-एक उद्योग यहां से लेकर जा रहे हैं। मुंबई के बारे में जिनको पता नहीं है वे मुंबई जीतने की बात करते हैं। मुंबई जीतने से पहले मुंबई के लोगों का दिल जीतना पड़ेगा और लोगों का दिल शिवसैनिकों ने जीता है। इस मौके पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कई मुद्दों पर टिप्पणी की।

जिन्हें सत्ता का स्वाद चखाया वहीं दिखा रहे रंग
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों को सत्ता का स्वाद चखाया वे लोग आज रंग दिखा रहे हैं। आप लोग उनको जवाब दोगे। संजय राउत इस रैली में मौजूद नहीं हैं फिर भी उनकी कुर्सी रखी गई है। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बोला कि शिवसैनिकों को जमीन दिखाएंगे। तुम हमको जमीन दिखाओगे तो हम तुमको आसमान दिखाएंगे।