उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़

उमेश पाल अपहरण केस: अतीक अहमद दोषी करार, अशरफ समेत 7 लोग हुए दोषमुक्त

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में मंगलवार को उमेश पाल अपहरण मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में अतीक अहमद समेत तीन दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने आज ही तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया। वहीं इस मामले में अशरफ समेत सात आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया था। कोर्ट ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और सौलत हनीफ को दोषी करार दिया है। अतीक अहमद और दिनेश को धारा 147, 148, 149, 341, 342, 364अ, 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया। वहीं सौलत हनीफ को 364 में भी दोषी करार दिया गया।
इस मामले में अभियोजन की ओऱ से आठ गवाहों को पेश किया गया था। कोर्ट ने अशरफ समेत 7 आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

अशरफ समेत ये सात लोग किए गए दोषमुक्त
कोर्ट ने अशरफ, जावेद उर्फ बज्जू, फरहान, आबिद, इसरार, आसिफ उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर को दोषमुक्त करार दिया है। इस मामले में एक अन्य आरोपी अंसर बाबा की पहले ही मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि इन सभी 7 लोगों को मजबूत पैरवी के चलते तमाम सबूतों और गवाहों के मद्देनजर दोषमुक्त करारा दिया गया है। दोषमुक्त करार दिए जाने के बाद अशरफ ने कोर्ट परिसर के भीतर ही अधिवक्ताओं से बातचीत की।

जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने सुनाया फैसला
अतीक अहमद को स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए के जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने फैसला सुनाया है। दिनेश चंद्र शुक्ला यूपी के रायबरेली के रहने वाले हैं। वह साल 2009 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं। 21 अप्रैल 2009 को उन्होंने भदोही के ज्ञानपुर में बतौर ज्यूडिशल मजिस्ट्रैट अपने करियर की शुरुआत की थी। 2022 में स्पेशल कोर्ट के प्रीसीडिंग ऑफिसर के पद पर आने के पहले जज दिनेश चंद्र शुक्ला इलाहाबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज के पद पर तैनात थे। जज दिनेश चंद्र शुक्ला का रिटायरमेंट 29 फरवरी 2028 को होना है।

उमेश पाल की मां ने सीएम योगी लगाई न्याय की गुहार
उमेश पाल की मां ने कहा कि जिस मामले में फैसला आया है वह बेटे उमेश पाल के अपहरण का मामला है। लेकिन उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक और अन्य लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाए। उमेश की मां ने आरोप लगाया कि पहले भी अतीक जेल में था और उसे हर तरह की सुविधा मिलती थी। लिहाजा उसे उमेश और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मालमे में फांसी की ही सजा दी जाए।
वहीँ उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कोर्ट के फैसले से पहले कहा था कि वह उम्मीद करती हैं कि अतीक अहमद को फांसी की सजा दिलाई जाए। जब तक जड़ खत्म नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। हम सभी लोग डर के साए में जी रहे हैं।
बता दें कि उमेश पाल के आवास के बाहर पुलिस भी तैनात की गई है। वहीं उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि मेरे बेटे ने संघर्ष किया है। जेल अतीक अहमद का घर है और वह वहां से कुछ भी करवा सकता है। प्रशासन के द्वारा अभी तक जो किया गया है हम उससे संतुष्ट हैं और आगे मांग करते हैं कि अतीक को फांसी की ही सजा दी जाए।

माफिया के खिलाफ दर्ज है 100 से अधिक मामले!
अतीक के खिलाफ 100 आपराधिक केस दर्ज हैं लेकिन आज तक कभी उसे किसी भी मामले में सजा नहीं सुनाई गई। साल 1985 से अब तक 100 से अधिक मामले माफिया अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज है। ऐसा बताया जा रहा है कि कुल 165 मामले माफिया के नाम पर दर्ज है। जिसमें से 50 मामले अलग-अलग कोर्ट में विचाराधीन हैं, जबकि 12 मामलों में वह बरी भी हो चुका है। इसके अलावा साल 2004 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने दो मामले वापस भी ले लिए थे। उमेश पाल हत्याकांड मामले में कोर्ट ने दोषी करार कर दिया है।