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एनसीपी में बड़ा बदलाव; सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल होंगे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष

नयी दिल्ली/मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को पार्टी के दो बड़े नेता सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया. पवार ने पार्टी की 25वीं वर्षगांठ पर ये घोषणा की.
एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष के चयन के बाद अजित पवार ने ट्वीट कर कहा- ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की 24वीं वर्षगांठ पर, सांसद प्रफुल्लभाई पटेल और सांसद सुप्रियाताई सुले को माननीय शरदचंद्र पवार के मार्गदर्शन में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में चुना गया. साथ ही सांसद प्रफुल्लभाई पटेल, सांसद सुप्रियताई सुले, सांसद सुनील तटकरे, डॉ. योगानंद शास्त्री, के.के. शर्मा, पी.पी. मोहम्मद फैसल, नरेंद्र वर्मा, जितेंद्र अवध, एस आर सहयोगी कोहली, नसीम सिद्दीकी को पार्टी के भीतर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं. इन सभी साथियों को बधाई! विश्वास है कि माननीय महोदय द्वारा दी गई जिम्मेदारी को सभी साथी सफलतापूर्वक पूरा करेंगे.
आदरणीय शरदचंद्र पवार साहब के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ‘दिल में महाराष्ट्र…नजर के सामने राष्ट्र…’ के विचार के साथ रजत जयंती वर्ष में पदार्पण कर रही है. देश व प्रदेश के विकास में अमूल्य योगदान माना जा रहा है कि एनसीपी पार्टी का हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी इस लक्ष्य की दिशा में काम करेगा. नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को पुनः बधाई!’

बता दें कि शरद पवार ने आज प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर एक तीर से दो निशाने लगाने का काम किया है. अजीत पवार को लेकर अब तक कोई फैसला सामने नहीं आया है. वह भी उत्तराधिकारी बनने की रेस में थे. अजीत पवार शरद पवार के भतीजे हैं.
वहीँ सुप्रिया सुले शरद पवार की बेटी होने के साथ ही सांसद भी हैं. प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के उपाध्यक्ष हैं.

शरद पवार का फैसला जहां बेटी सुप्रिया को एनसीपी की कमान देने का संकेत देता है तो वहीं, भतीजे अजित पवार को पार्टी के अहम पदों से नजरअंदाज करता है. एनसीपी के खिलाफ विद्रोही प्रवृत्ति दिखाने वाले अजित पवार के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है. शनिवार को दिल्ली में पार्टी की स्थापना के 25वें वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुप्रिया और प्रफुल्ल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हुई. इस घोषणा से अजित पवार परेशान दिखाई दिए और पार्टी कार्यालय से मीडिया से बातचीत किए बिना ही बैठक छोड़कर चले गए. अजित पवार ने 2019 में उस समय भी सभी को चौंका दिया था, जब उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिलाकर तड़के सुबह ही उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

सुप्रिया को रिपोर्ट करेंगे अजित पवार
शरद पवार ने अजित पवार, छगन भुजबल, सुनील तटकरे, फौजिया खान सहित अन्य कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कहा, प्रफुल्ल पटेल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे. सुप्रिया सुले भी पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष होंगी. पवार की घोषणा के साथ ही सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को नए प्रभार भी सौंपे गए हैं. सुप्रिया महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब में राकांपा मामलों और महिलाओं, युवाओं, छात्रों और लोकसभा से जुड़े मुद्दों की प्रभारी होंगी.
सुप्रिया सुले को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाकर पवार ने प्रभावी रूप से भतीजे अजित पवार को बड़ा संदेश दिया है. इसी के साथ अजित को अब पार्टी के मामलों पर सुप्रिया सुले को रिपोर्ट करना होगा.

प्रफुल्ल पटेल को नए प्रभार
शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल को मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, गोवा और राज्यसभा का पार्टी प्रभारी भी बनाया है. इसके साथ ही प्रफुल्ल का पार्टी में कद भी बढ़ गया. गौरतलब है कि 1999 में शरद पवार ने मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क पर पीए संगमा के साथ मिलकर एनसीपी पार्टी की स्थापना की थी.

सुनील तटकरे को मिली ये जिम्मेदारी
एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील तटकरे को ओडिशा, पश्चिम बंगाल, किसान और अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. शरद पवार ने यह भी घोषणा की कि नंदा शास्त्री दिल्ली एनसीपी प्रमुख हैं.
इस दौरान अनुभवी राजनेता शरद पवार ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को साथ आना होगा, मुझे यकीन है कि इस देश की जनता हमारी मदद करेगी. 23 तारीख को हम सभी बिहार में मिलेंगे, चर्चा करेंगे और एक कार्यक्रम लेकर आएंगे और देशभर में यात्रा करेंगे और इसे लोगों के सामने पेश करेंगे.

पिछले महीने पवार ने वापस लिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि शरद पवार ने पार्टी नेतृत्व में बदलाव की बात कर एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी के नेताओं ने इसका खूब विरोध किया था. जिसके बाद पवार की पेशकश पर विचार-विमर्श के लिए गठित एनसीपी पैनल ने 5 मई को उनके इस्तीफे को खारिज कर दिया था और उनसे पार्टी अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया, फिर शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था.