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महाराष्ट्र: सुबोध जायसवाल DGP पद से मुक्त, पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त पद हेमंत नगराळे के पास

मुंबई: महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआयएसएफ) के महानिदेशक के रूप में नियुक्ति किया गया है। उनकी इस नियुक्ति के बाद राज्य पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार वरिष्ठ IPS अधिकारी हेमंत नगराळे को सौंप दिया गया है।

वर्तमान में नागराले डीजीपी (कानूनी और तकनीकी) हैं। महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी, सुबोध जायसवाल को 30 दिसंबर, 2020 को केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। राज्य के गृह विभाग ने आज एक आदेश किया है।

महाविकास अघाड़ी सरकार ने नागराले के नाम पर मुहर लगा दी है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही सुबोध कुमार जायसवाल सीआईएसफ के डीजी बनकर दिल्ली गए हैं।
हेमंत नागराले 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। फिलहाल उन्हें महाराष्ट्र डीजीपी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है वह अगले 19 महीनों तक महाराष्ट्र के डीजीपी रह सकते हैं। नागराले साल 2016 में नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त भी रह चुके हैं। जिसके बाद साल 2018 में वे नागपुर ट्रांसफर किए गए थे। फिलहाल नागराले पुलिस महासंचालक (लीगल एंड टेक्निकल) के पद पर कार्यरत हैं।

हेमंत नागराले के प्रशंसनीय कार्य
हेमंत नागराले जब नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त थे तब वाशी इलाके के बैंक ऑफ बड़ौदा में हुई चोरी ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया था। इस मामले में हेमंत नागराले की टीम ने सिर्फ 2 दिनों के भीतर इस लूट का भंडाफोड़ किया था। पॉप सिंगर जस्टिन बीबर के प्रोग्राम के दौरान बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने उनकी तारीफ भी की थी। अपनी ड्यूटी पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर वे सख्त एक्शन लेने के लिए भी मशहूर हैं।

हेमंत नागराले और विवाद
नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त रहते हुए साल 2018 में हेमंत नागराले का निलंबन भी किया गया था। विधान परिषद की मंजूरी न लेते हुए उन्होंने शेकाप पार्टी के विधायक जयंत पाटिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। रायगढ़ जिला मध्यवर्ती कोऑपरेटिव बैंक के कर्ज वसूली मामले में भी बैंक के अध्यक्ष और संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश हेमंत नागराले ने दिया था। विधान परिषद के सभापति की मंजूरी लिए बिना किसी भी विधायक पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है। । जिसकी वजह से नागराले के साथ पुलिस उपायुक्त तुषार जोशी को भी निलंबित करने का आदेश उस समय के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर ने दिया था।