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ऑक्सीजन पर PM मोदी ने की हाईलेवल मीटिंग, गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा- ऑक्सीजन वाली गाड़ियां न रोकें

नयी दिल्ली: देश में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल रिव्यू मीटिंग की। इसमें उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि राज्यों को की जा रही ऑक्सीजन सप्लाई में किसी तरह की रुकावट नहीं आनी चाहिए। देश में कोरोना को लेकर शुक्रवार को भी एक हाईलेवल मीटिंग होनी है। इसके चलते पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपना बंगाल दौरा रद्द कर दिया है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
देश भर में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन के मसले पर 6 हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। इस बीच गृह मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन सप्लाई वाली गाड़ियों को न रोका जाए।
केन्द्रीय गृह सचिव ने कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट, उप आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपायुक्त की जिम्मेदारी है कि वे इन निर्देशों पर अमल सुनिश्चित करे। कुछ राज्यों द्वारा दूसरे देश में आक्सजीन के आवागमन पर पाबंदी लगाये जाने की खबरों के बाद यह कदम उठाया गया है।

मोदी की मीटिंग के 4 पॉइंट्स

  • अफसरों ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि हम राज्यों के साथ मिलकर प्रस्तावित ऑक्सीजन प्लांट्स को जल्द से जल्द शुरू करने पर काम कर रहे हैं।
  • पिछले कुछ दिनों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन में हर दिन 3 हजार 300 मीट्रिक टन का इजाफा हुआ है। इसमें प्राइवेट, सरकारी स्टील प्लांट, इंडस्ट्रीज और ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरर्स भी मदद के लिए आए हैं। इन्होंने गैरजरूरी इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज के लिए ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी है।
  • राज्यों को उनकी जरूरत की ऑक्सीजन देना सुनिश्चित किया जा रहा है और इसके लिए राज्यों से लगातार बातचीत की जा रही है। 21 अप्रैल से 20 राज्यों में हर दिन 6 हजार 785 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत हो रही है और इन्हें सरकार की ओर से 6 हजार 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी जा रही है।
  • प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन प्रोडक्शन, इसके डिस्ट्रीब्यूशन में तेजी, हेल्थ केयर फैसिलिटी में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए नए रास्ते तलाशने पर जोर दिया है।

बेरोकटोक हो ऑक्सीजन वाली गाड़ियों का मूवमेंट: गृह मंत्रालय

  • एक से दूसरे जिले या इलाके में ऑक्सीजन लेकर जा रही गाड़ियों को रोका नहीं जा सकेगा।
  • ऑक्सीजन ले जा रही गाड़ियों के एक से दूसरे राज्य में जाने पर भी कोई रोक नहीं रहेगी।
  • ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरर्स से यह नहीं कहा जा सकेगा कि वे किसी एक राज्य या शहर के अस्पतालों को ही अपनी सप्लाई भेजें।
  • शहरों के अंदर भी ऑक्सीजन वाली गाड़ियों के मूवमेंट पर समय की कोई पाबंदी नहीं होगी।