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कंगना के दफ्तर में BMC की कार्यवाई को लेकर शरद पवार का यू-टर्न, बोले- बीएमसी ने किया नियमों का पालन!

मुंबई: अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी द्वारा की गई कार्यवाई की हर तरफ आलोचना हो रही है। महाराष्‍ट्र में सत्ताधारी गठबंधन के साझीदार एनसीपी के चीफ शरद पवार ने अब कहा है कि इस पूरे मामले में महाराष्ट्र सरकार का कोई रोल नहीं है। यह निर्णय बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने लिया था। बीएमसी ने अपने नियमों का पालन किया। इससे पहले पवार ने कहा था कि कंगना के दफ्तर में तोड़फोड़ संबंधी बीएमसी का ऐक्‍शन गैर जरूरी है, लेकिन अब वह अपने बयान से पलट गए हैं। दूसरी ओर, कंगना का कहना है कि वह जिस इमारत में रहती हैं, वह शरद पवार से संबंधित है।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा था कि कंगना के बयानों को बिना वजह ही महत्व दिया जा रहा है। लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस सप्ताह के शुरू में मिली धमकी को वह गंभीरता से नहीं लेते हैं।

कोई मेरे नाम पर एक इमारत का नाम रखे: पवार
इससे पहले कंगना रनौत ने कहा था कि वह जिस इमारत में रहती हैं, वह शरद पवार से संबंधित है। ऐसे में कहा गया है कि अभिनेत्री का इशारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख की ओर था। इस बीच, रनौत के दावे को लेकर जब संवाददाताओं ने पवार से सवाल किया तो उन्होंने इसे खारिज कर दिया। पवार ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘यह मेरी इच्छा है कि कोई मेरे नाम पर एक इमारत का नाम रखे।’

जयंत पाटील बोले- पब्लिसिटी के लिए बयानबाजी कर रहीं कंगना
कंगना और शिवसेना विवाद के बीच एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा है कि कंगना पब्लिसिटी स्टंट के लिए यह सब कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कंगना ने महाराष्ट्र और मुंबई के लिए अपशब्दों का प्रयोग करके मुंबई का अपमान किया है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे लेख में जयंत पाटील ने कहा कि व्यवसाय का अवसर, महिला सुरक्षा और सहिष्णुता की दृष्टि से मुंबई और महाराष्ट्र ने देश में आदर्श कायम किया है। उन्होंने कगंना का बिना नाम लिए कहा कि हालांकि कुछ लोग इसके लिए आभारी नहीं हैं। यह बहुत वेदनादायक है।
पाटील ने कहा कि सुरक्षित शहर की पुलिस बल की तुलना पाकिस्तान के साथ करना बेहद निंदनीय है। पुलिस के बारे में अपमानजनक बातें कहने का मतलब सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट है। उन्होंने कहा कि हमारी माता मुंबई है। यह किसी के साथ भेदभाव न करते हुए सभी को गले लगाती है। इसलिए मुंबई का और राज्य के सर्वोच्च पदों का सम्मान होना चाहिए।
जयंत पाटील ने कहा कि मुंबई के सम्मान को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष के नेता देवेंद्र फडनवीस मुख्यमंत्री थे तब अगर किसी ने उनके बारे में अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया होता तो वह भी इसकी निंदा करते। राज्य के प्रमुखों के खिलाफ इस तरह की भाषा के इस्तेमाल को जनता या कोई और बर्दाश्त नहीं करेगा।

हाईकोर्ट में चल रहा मामला
बता दें कि शिवसेना के नियंत्रण वाली बीएमसी ने बुधवार सुबह कंगना के दफ्तर पर ‘अवैध निर्माण’ को गिराने की कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि इसके कुछ ही देर बाद अदालत से कंगना को राहत मिल गयी थी और बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी गयी। कंगना के वकील का दावा है कि बीएमसी की कार्रवाई में करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बीएमसी की कार्रवाई का मामला हाईकोर्ट में है।