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लॉकडाउन के दौरान अनायास युवक की पीट-पीटकर हत्या करने वाले चार पुलिसकर्मी गिरफ्तार

मुंबई: कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान राजू वेलू देवेंद्र नाम के 22 वर्षीय युवक की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में जुहू पुलिस स्टेशन के चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। शुरूआत में पुलिसकर्मियों ने दावा किया था कि युवक चोरी कर रहा था इसलिए भीड़ ने उस पर हमला कर दिया। जिससे उसकी मौत हो गई, लेकिन परिवार लगातार दावा कर रहा था कि युवक घर से सुबह चार बजे के करीब दूध लेने के लिए निकला था और पुलिसवालों का दावा गलत है। हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो पुलिसवालों की करतूत का खुलासा हुआ। मामले में गिरफ्तार आरोपी पुलिसकर्मियों के नाम संतोष देसाई, दिगंबर चव्हाण, अंकुश पालवे और आनंद गायकवाड है।
मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने चारों को छानबीन के दौरान मिले सीसीटीवी की जांच में पुलिसवाले राजू की पिटाई करते नजर आए, जिसके बाद चारों पुलिसवालों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। सभी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। कोर्ट में पेशी के बाद सभी आरोपियों को 15 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी पुलिसकर्मी लॉकडाउन के दौरान 29 मार्च को पेट्रोलिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने राजू को घूमते हुए देखा और उसकी पिटाई करने लगे। पुलिसवालों ने राजू को इतना पीटा कि वह बेसुध हो गया। इसके बाद पुलिसवाले राजू को उसके घर के पास ले गए और परिवार को बताया कि वह पास ही फुटपाथ पर शराब पीकर पड़ा हुआ था। घर वाले मौके पर पहुंचे तो राजू बेहोश था, उसे घर ले जाया गया। बाद में परिवार वालों ने देखा कि राजू के पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं। उसे पांच घंटे बाद भी होश नहीं आया, तो परिवार वाले राजू को कूपर अस्पताल ले गए लेकिन दाखिल करने से पहले ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीें पुलिसवालों ने पुलिस स्टेशन में बताया कि भीड़ ने राजू को चोरी करते हुए पकड़ा और उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी। लेकिन जब परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मामले की जांच शुरू हुई तो सच्चाई सामने आ गई। राजू की मां साइरा वेलु देवेंद्र ने कहा कि मेरा बेटा तो अब नहीं रहा लेकिन किसी और मां को निरंकुश पुलिसकर्मियों के चलते अपना बेटा न गंवाना पड़े इसलिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हूं। उम्मीद है पुलिसवालों को उनकी करतूत की सजा मिलेगी।