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कर्नाटक में भाजपा को तगड़ा झटका, खड़गे को हराने में बड़ी भूमिका निभाने वाले पूर्व BJP MLC कांग्रेस में शामिल

कर्नाटक: कर्नाटक में इसी साल मई तक विधानसभा का चुनाव होना है। चुनाव के लिए सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस, जेडीएस सभी अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं। इस बीच बुधवार को कांग्रेस ने भाजपा को एक बड़ा झटका दिया है।
कर्नाटक में भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे बाबूराव चिंचानसुर ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है। बाबूराव चिंचानसुर पहले भाजपा की ओर से कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य थे। उन्होंने कुछ दिनों पहले विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। बाबूराव का इस्तीफा भाजपा के लिए बड़ा झटका इसलिए भी माना जा रहा है क्योकिं उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने में अहम भूमिका अदा की थी। लेकिन अब बाबूराव कांग्रेस में शामिल होकर मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथ को मजबूत करते दिखेंगे।
बुधवार को बाबूराव चिंचानसुर ने बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बाबूराव चिंचानसुर ने 2008 से 2018 तक कलबुर्गी जिले में गुरमित्कल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। इससे पहले वो सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री भी थे। हालांकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने 2018 में कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए थे।

मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने में निभाई बड़ी भूमिका
2018 में मिली हार के बाद भाजपा ज्वाईन करने वाले बाबूराव चिंचानसुर ने 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए अपने क्षेत्र में पूरी मेहनत की थी। 2019 के चुनाव में कर्नाटक के कलबुर्गी में उन्हें भाजपा के प्रमुख नेताओं के रूप में गिनती होती थी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे की हार के बाद उनकी भूमिका भाजपा में और बढ़ी। लेकिन अब उन्होंने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

भाजपा ने टिकट देने से किया था मना, कांग्रेस में हुई घर वापसी
बाबूराव चिंचानसुर की मदद से गुलबर्गा (कलबुर्गी) लोकसभा क्षेत्र में मल्लिकार्जुन खरगे को हराते हुए बीजेपी उम्मीदवार उमेश जाधव विजयी हुए थे। जाधव भी पहले कांग्रेस में थे और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। अबी बाबूराव के भाजपा छोड़ने के पीछे बताया जा रहा है कि वो विधानसभा चुनाव का टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस में घरवापसी की है।

बाबूराव चिंचानसुर कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में कोली-कबालिगा समुदाय के प्रमुख नेता माने जाते थे। सोमवार को उन्होंने विधानपरिषद से इस्तीफा दिया था। इससे पहले मार्च की शुरुआत में, बीजेपी के एक अन्य विधान परिषद सदस्य (MLC) पुत्तन्ना ने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

CM बोम्मई बोले- चिंचानसुर के इस्तीफे ने नहीं पड़ेगा कोई फर्क
बाबूराव चिंचानसुर के भाजपा छोड़ने पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि चिंचनसुर कांग्रेस से आए थे और उसी पार्टी में वापस जा रहे हैं। चिंचानसुर के पार्टी छोड़ने से कोई असर नहीं पड़ेगा। कर्नाटक में मई तक विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने चिंचनसुर के पार्टी बदलने के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।