ठाणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

कल बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने बीजेपी को कहा अलविदा तो आज गीता जैन!

मुंबई, (राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र में बीजेपी को एक और झटका लगा है। बीजेपी के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे के राकांपा में शामिल होने के बाद बीजेपी से बगावत कर मीरा-भायंदर से निर्दलीय विधायक चुनी गईं गीता जैन ने बीजेपी से अपने रहे-सहे रिश्ते ख़त्म करते हुए आज शिवसेना पक्ष प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हो गई हैं। देवेंद्र फडणवीस व बीजेपी के लिए यह दूसरा बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि निर्दलीय चुनाव जीतने के बावजूद गीता जैन की गिनती बीजेपी समर्थक विधायक के रूप में होती थी। वह पिछले लगभग एक साल से इस भरोसे बैठी थीं कि बीजेपी में उनकी सुध ली जाएगी और मीरा-भायंदर बीजेपी की कमान उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता के हाथ से निकालकर उन्हें सौंप दी जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसका कारण नरेंद्र मेहता का देवेंद्र से ख़ास नाता बताया जा रहा है।
गीता जैन के करीबियों का कहना है कि तमाम लांछनों के बावजूद अगर देवेंद्र फडणवीस, नरेंद्र मेहता का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो गीता जैन के पास बीजेपी से दूर जाने के अलावा और कोई विकल्प था ही नहीं!

बीजेपी में यह हलचल क्यों?
शुक्रवार को दिनभर मीरा-भायंदर में गीता जैन के शिवसेना में शामिल होने की चर्चा जोरों पर रही। उनसे जुड़े सूत्रों का यह दावा था कि वह शनिवार को दोपहर 12:30 बजे वह शिवसेना में शामिल हो रही हैं। वहीं शिवसेना सर्कल में यह चर्चा सुनने को मिली कि मातोश्री से उन्हें दशहरे के दिन यानी रविवार को दोपहर 12 बजे का समय दिया गया है। रविवार को ही शिवसेना की दशहरा रैली है, जो शिवसेना के लिहाज से एक बड़ा दिन माना जाता है।
बहरहाल, गीता जैन ने शनिवार को शिवसेना का दामान थाम लिया। अब यह माना जा रहा है कि बीजेपी से उनका कनेक्शन टूटकर शिवसेना से जुड़ चुका है। शिवसेना से कनेक्शन जोड़ने की जो बड़ी वजह बताई जा रही हैं, उनमें एक सबसे बड़ी वजह यह है पिछले एक साल से बीजेपी अपने विधायकों और समर्थकों को सत्ता में लौटने का जो सपना दिखाती आ रही है, वह अब पूरा होता नहीं दिख रहा, क्योंकि महाविकास अघाड़ी सरकार दिन पर दिन मजबूत होती जा रही है।

जल्द ही कुछ विधायक छोड़ सकते हैं बीजेपी: सूत्र
एकनाथ खडसे के बीजेपी छोड़कर एनसीपी में शामिल होने के बाद यह संभावना भी बढ़ गई है कि आज नहीं, तो कल खडसे समर्थक कुछ विधायक भी जल्द ही बीजेपी छोड़कर महाविकास अघाड़ी में शामिल हो सकते हैं? अगर ऐसा हुआ तो महाविकास अघाड़ी की सरकार को गिराना बीजेपी के लिए और मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन हो जाएगा। ऐसे में हर विधायक को अपने क्षेत्र के विकास कामों के लिए सत्ता पक्ष की मदद की आवश्यकता महसूस होने लगी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि मीरा-भायंदर जैसे बीजेपी के मजबूत गढ़ में सेंध लगाने के लिए शिवसेना के पास भी यह सुनहरा मौका है। लेकिन इस मौके को भुनाने से पहले शिवसेना को अपने स्थानीय समीकरणों का भी ध्यान रखना होगा।