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कांग्रेस को बड़ा झटका: बीजेपी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह!

कुशीनगर: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होते ही यूपी कांग्रेस में भगदड़ का माहौल पैदा हो गया है. आरपीएन सिंह के बाद कुशीनगर के पडरौना सीट से कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी मनीष जायसवाल ने भी इस्तीफा दे दिया. मनीष जायसवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को अपना इस्तीफा भेजा है. इससे पहले जिलाध्यक्ष राजकुमार भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं.
दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल का सिलसिला भी लगातार जारी है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता एक-एक कर पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. इस बार कांग्रेस के स्टार प्रचारको में शामिल पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने इस्तीफा देने के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बने ढाई साल बीत गए लेकिन प्रदेश अध्यक्ष को जिला कार्यालय पर आने का वक्त नहीं मिला. उन्होंने जिला संगठन की घोर उपेक्षा की है. इसलिए अपने नेता आरपीएन सिंह के साथ इस्तीफा दिया है.
पडरौना विधानसभा से कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी मनीष जायसवाल ने भी इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर आरपीएन सिंह की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व की अनदेखी के कारण अपने नेता आरपीएन सिंह के साथ ही कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दिया है.

स्वामी प्रसाद मौर्य की बढ़ेगी चुनौती
बतया जा रहा है यह जितना बड़ा झटका कांग्रेस के लिए है उससे कहीं ज्यादा बीजेपी छोड़कर सपा में जाने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए माना जा रहा हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर की पडरौना सीट से विधायक हैं. पडरौना सीट पर आरपीएन सिंह का अच्छा खासा प्रभाव है. ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य की धड़कनें भी बढ़ गई हैं.
सूत्रों के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य अपने लिए सेफ सीट तलाश कर रहे हैं और वे फजिलगंज से मैदान में उतर सकते हैं.

RPN सिंह की पत्नी सोनिया लड़ सकती हैं चुनाव
सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक, आरपीएन सिंह खुद चुनाव न लड़कर पत्नी सोनिया सिंह को मैदान में उतार सकते हैं. बीजेपी आरपीएन सिंह को राज्यसभा भेज सकती है. अगर आरपीएन सिंह की पत्नी को टिकट मिलता है तो वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ ताल ठोकती नजर आ सकती हैं.
दरअसल, आरपीएन सिंह बीते कई दशको से पूर्वांचल की राजनीति का एक बड़ा चेहरा रहे है. कुशीनगर-पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह की कुशीनगर के आस-पास के क्षेत्र में एक बेहद मजबूत पकड़ है. आरपीएन सिंह कांग्रेस से 1996 से 2009 तक 3 बार पडरौना के विधायक रहे है. और 2009 में कुशीनगर से लोकसभा का चुनाव जीतकर यूपीए-2 सरकार में सडक, परिवहन, पेट्रोलियम के साथ गृह राज्यमंत्री भी रहे है. 2009 में सिंह ने बीएसपी से चुनाव लड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या को ही हराया था. ऐसे में आरपीएन सिंह की पडरौना के साथ कुशीनगर में एक बेहद मजबूत पकड़ और उनके पडरौना से ही चुनाव लड़ने की संभावना को देखते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा से किसी सेफ सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे है.

वहीँ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसके पहले आरपीएन सिंह का स्वागत करते हुए एक पुरानी मुलाक़ात का ज़िक्र किया और बताया कि उन्होंने आरपीएन सिंह से कहा था, आप जैसे व्यक्ति को नरेंद्र मोदी जी के साथ होना चाहिए. प्रधान ने कहा कि आरपीएन सिंह की प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को नंबर एक बनाने के लिए ज्वाइनिंग हुई है.
कांग्रेस से करीब 32 साल पुराना नाता तोड़कर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए रतनजीत प्रताप नारायण (आरपीएन सिंह) ने अपने फ़ैसले की जानकारी ट्विटर पर पहले ही दे दी थी. आरपीएन सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि वो, ‘राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर’ रहे हैं. सिंह ने अपने फ़ैसले को लेकर कहा, देर आए, दुरुस्त आए.