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कानपुर शूटआउट का क्राइम सीन तक नहीं समझा पाया निलंबित दरोगा विनय तिवारी, हुआ गिरफ्तार!

कानपुर: कानपुर के बिकरू गावं में हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही पुलिस विभाग में छिपे ‘विभीषणों’ पर भी शिकंजा कसता जा रहा है। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी को अधिकारी जब क्राइम सीन समझने के लिए बिकरू गांव ले गए तो वह एसटीएफ और पुलिस अधिकारियों को क्राइम सीन तक नहीं समझा पाए। विनय तिवारी यह भी नहीं बता पाए कि उनके साथी कहां छिपे थे और बदमाश कहां-कहां से फायरिंग कर रहे थे। उनसे यह भी पूछा गया कि आखिर आप को कैसे खरोंच तक नहीं आई, इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था। पुलिस ने निलंबित एसओ और बीट प्रभारी केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

दस लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी! इस हत्याकांड के बाद से पुलिस विभाग में यह चर्चा थी कि चौबेपुर एसओ विनय तिवारी मुठभेड़ में सबसे पीछे क्यों थे और अपने साथियों को मौत के मुंह में छोड़कर क्यों भाग गए? उनकी भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध मानी जा रही थी। विनय तिवारी पर ही मुखबिरी करने का भी शक है। विनय तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने ही पुलिसिया कार्यवाई के पहले ही विकास दुबे को खबर दे दी थी कि पुलिस उसके घर छापा मारने वाली है।

कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल

कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इनचार्ज के के शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए। गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे। शुरुआती जांच में यह सही पाया गया। जांच में सामने आया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल हिस्ट्रीशीटर दुबे के लिए मुखबिरी कर रहे थे।

कानपुर के एसएसएपी दिनेश प्रभु ने बताया, सबूतों के आधार पर यह पाया गया है कि विनय तिवारी और के के शर्मा ने विकास दुबे को सूचना दे दी थी कि उसके घर छापेमारी होने वाली है। इसीलिए वह अलर्ट हो गया था और उसने पुलिस पर हमला कर दिया। यही कारण था कि आठ पुलिसवालों की जान चली गई।

चौबेपुर थाने के पूर्व एसओ विनय तिवारी और सिपाही के के शर्मा गिरफ्तार

पूरा चौबेपुर थाना हुआ लाइनहाजिर
मंगलवार को थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिल्हौर के तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी रिश्तों का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए कथित रूप से पत्र लिखा था। आरोप है कि विनय तिवारी की विकास दुबे के साथ नजदीकियों के चलते ही उन्होंने दबिश की सूचना विकास तक पहुंचाई। विनय तिवारी के विकास दुबे से घनिष्ठ संबंध थे। आरोप है कि होली में बिकरू गांव के ही राहुल तिवारी को विकास दुबे और उसके साथियों ने जान से मारने का प्रयास किया। इसके बावजूद विनय ने एफआईआर नहीं दर्ज की। राहुल ने सीओ देवेंद्र मिश्रा के पास गुहार लगाई तो उनके हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज किया गया।