ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य कोरोना: महाराष्ट्र में 10 नए केस, मरीजों की संख्या हुई 230, मुंबई में BMC ने शुरू की कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों की GIS मैपिंग 31st March 202031st March 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंगलवार को अभी तक 10 नए मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश में कुल संख्या बढ़कर 230 हो गई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मुंबई, पुणे और बुलढाणा से नए मामले सामने आए हैं। पूरे देश में सबसे अधिक कोरोना मरीजों के साथ ही महाराष्ट्र में मरने वालों की संख्या भी सबसे अधिक है। महाराष्ट्र में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है।स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को अभी तक 10 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 5 मुंबई, 3 पुणे और 2 केस बुलढाणा में हैं। इससे पहले मंगलवार सुबह 5 केस आए थे। सोमवार को भी 12 कोरोना संक्रमित नए मामले आए थे। कोरोना के मामलों की बढ़ी संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कई बड़े फैसले भी लिए हैं।कोरोना के मरीज जिस भी इमारत या चॉल में मिल रहे हैं, उसे 14 दिन के लिए एक तरह से सील कर दिया जा रहा है। वहां के लोग बाहर नहीं जा सकते और ना ही बाहर का कोई व्यक्ति अंदर जा सकेगा। उन लोगों को किसी भी वस्तु की जरूरत है, तो वे कॉल कर मंगा सकते हैं या फिर उनकी मदद पुलिस और बीएमसी प्रशासन के अलावा उनके रिश्तेदार बाहर से ही मदद कर सकते हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने शहर में कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों की जीआईएस मैपिंग शुरू कर दी है और शहर में (कोविड-19) के संक्रमण की निगरानी तथा उसे और फैलने से रोकने के लिए ‘वॉर रूम’ स्थापित किए हैं। मनपा आयुक्त प्रवीण परदेशी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि जिन इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले ज्यादा हैं उनके मानचित्र महानगरपालिका की वेबसाइट पर पोस्ट किेए जाएंगे ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि मानचित्रों की मदद से इन इलाकों के निवासी सतर्क रह कर ज्यादा एहतियात बरत सकते हैं और किसी भी काम के लिए उन इलाकों में जा रहे लोग आसानी से बचाव के उपाय कर सकते हैं।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों- अश्विनी भिडे और डॉ रामास्वामी एन को प्रतिनियुक्ति पर बीएमसी में भेजा है ताकि इस घातक बीमारी के प्रसार पर लगाम लगाई जा सके। बीएमसी ने अपने आपदा नियंत्रण कक्ष में ‘कोरोना वॉर रूम’ भी गठित किया है जो हर वक्त काम करेगा। साथ ही योजना, बचाव एवं वैश्विक महामारी के प्रबंधन संबंधी गतिविधियां यहां की जाएंगी। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक भिडे वॉर रूम के समन्वयक के तौर पर काम करेंगे जो कोविड-19 बीमारी का डेटा एकत्र कर उसका आकलन करेगा। बीएमसी संचालित चार मेडिकल कॉलेजों के अंतिम वर्ष के छात्रों और नर्सिंग कॉलेज के दूसरे एवं तीसरे वर्ष के छात्रों को भी कुछ निश्चित जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी और इसके लिए उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा। एमजेपीजेएवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुधाकर शिंदे ने कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों का इलाज निःशुल्क हो रहा है। इसके लिए फिलहाल ज्यादातर जगहों पर मरीजों को एमजेपीजेएवाई के तहत इलाज दिया जा रहा है। चूंकि इस योजना के तहत इलाज का खर्च हमारा विभाग उठाता है, इसलिए हमने हाल ही में सरकार के पास 40 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है। अलग अस्पतालों पर फोकस डॉ शिंदे ने कहा कि फिलहाल हमारे देश मे यूरोप जैसे मामले सामने नहीं आ रहे हैं, फिर भी हम अपनी पूरी तैयारी रखे हुए हैं। हाल ही में सेंट जॉर्ज और जीटी अस्पताल को राज्य सरकार की ओर से केवल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेट किया गया है। हम ऐसे और भी अस्पतालों की तलाश कर रहे हैं, जिन्हें समय आने पर केवल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सके। चूंकि इस बीमारी के फैलने की क्षमता बहुत अधिक है इसलिए, हमे इसका उपचार डेडिकेटेड अस्पतालों में देने से बेहतर परिणाम मिलेंगे। बता दें कि बीएमसी ने भी अंधेरी स्थित सेवन हिल्स हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सुनिश्चित किया है। वहीं प्रशासन कोरोना के महिला मरीजों के लिए भी एक अलग अस्पताल ढूंढ रहा है। एक मरीज पर डेढ़ लाख रुपये तक खर्चएमजेपीजेएवाई से मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई में महात्मा ज्योतिबा फुले के तहत तकरीबन 40 अस्पताल आते हैं। इनमें बीएमसी के अलावा प्राइवेट अस्पताल भी हैं। कोरोना के इलाज में औसतन एक मरीज पर 14 दिन में डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आ रहा है। Post Views: 127