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कोरोना वायरस के खिलाफ पीएम मोदी का मंत्र- ‘जनता कर्फ्यू’

नयी दिल्ली: दुनियाभर में 9 हजार से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला चुके कोरोना वायरस को लेकर भारत बेहद सतर्क है। राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया को जितना विश्वयुद्ध ने प्रभावित नहीं किया था, उससे ज्यादा कोरोना वायरस ने प्रभावित किया है। उन्होंने देश की जनता को आश्वस्त किया कि कोरोना से घबराएं नहीं। पूरे देशवासी रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा….

मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले दो महीनों में130 करोड़ भारतीयों ने, देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है, भारत के लिए, समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है, उसने किया है। कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है। ये शक्ति उपासना का पर्व है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है!

  • जनता कर्फ्यू: जनता के लिए जनता द्वारा लगाया कर्फ्यू। सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना चाहिए। 22 मार्च को सुबह 7 से रात 9 बजे तक देश की जनता खुद पर कर्फ्यू लगाए।
  • जनता कर्फ्यू हमें आने वाली स्थितियों से निपटने में मदद करेगी।
  • जनप्रतिनिधि, सरकारी कर्मचारी, मीडियाकर्मियों की सक्रियता तो आवश्यक है, लेकिन बाकी लोग भीड़भाड़ और पार्टी समारोहों से आइसोलेट कर लेना चाहिए।
  • रोज का जरूरी सामान्य इकट्‍ठा करने का प्रयास न करें।
  • मुझे उम्मीद है कि सभी देशवासी आने वाले समय में अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वाह इसी तरह करते रहेंगे।
  • देश में जरूरी सामान का कोई संकट नहीं है।
  • आज देश में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार हो, स्थानीय निकाय, जनप्रतिनिधि या सिविल सोसायटी हो, हर कोई इस वैश्विक बीमारी से बचने के लिए योगदान दे रहा है।
  • शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि पर संकल्प लें आओ हम खुद को भी बचाएं, देश को भी बचाएं और दुनिया को भी बचाएं।

देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, इस रविवार 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक देशवासी जनता कर्फ्यू का पालन करें। जनता कर्फ्यू का मतलब है जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।
पीएम ने कहा, 22 मार्च रविवार के दिन हम देश की सेवा में लगे लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बालकनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें।
पीएम मोदी ने कहा, पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं। सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे।
साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम। संयम का तरीका है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। आजकल जिसे सोशल डिस्टैंसिंग कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19-इकोनॉमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है। ये टास्क फोर्स, ये भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो।