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कोविड अस्पतालों के अंदर लगाए जाएं CCTV, मरीज के परिवार वालों को टीवी से दिखाएं मरीज: अजित पवार

मुंबई/पुणे: देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां अब रोजाना 80 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित मुंबई और पुणे की स्थिति में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है। इसी को देखते हुए पुणे से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को यहां जिला प्रशासन के साथ एक समीक्षा बैठक की।
इस बैठक में उनके साथ एनसीपी चीफ शरद पवार, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी शामिल हुए। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पुणे में कोरोना के रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदम को लेकर जानकारी दी।
मंत्री जावड़ेकर ने कहा, हमने पुणे में कोविड-19 से लड़ने के लिए एक समीक्षा बैठक की। इस दौरान हमने फैसला किया कि यहां के कंटेनमेंट जोन वाले इलाकों में एंटीजन टेस्ट बढ़ाए जाएंगे। एंटीबॉडी वाले लोगों की पहचान करने के लिए, बड़े पैमाने पर सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मास्क नहीं लगाने वालों और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इनके खिलाफ 500 और 1000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

कोविड अस्पतालों के अंदर सीसीटीवी और बाहर टीवी लगाए जाएं: अजित पवार
उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि हमने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के माध्यम से केंद्र सरकार को स्थिति से अवगत करा दिया है। पवार ने कहा, हमने सरकार से कहा है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर 50-50 के अनुपात में ऑक्सीजन सिलेंडर दिया जाना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं और उद्योगों दोनों को बराबर की हिस्सेदारी में आपूर्ति हो सके। उन्होंने कहा, मैंने अधिकारियों से कहा है कि कोविड अस्पतालों के अंदर सीसीटीवी कैमरे और बाहर टीवी लगाए जाएं जिससे मरीज के परिवार वाले उसे देख पाएं।
विधानसभा सत्र के शुरू होने के मुद्दे पर अजित पवार ने कहा, सात सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के लिए, हमने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और कोविड-19 के रोकथाम के लिए काम करने वाले डिपो से उनकी जरूरतों का पता लगाया है और इस सत्र में इस पर चर्चा करेंगे। सत्र में भाग लेने वाले सभी लोगों को कोरोना टेस्ट करवाना होगा।

अधिक शुल्क लेने पर जिम्मेदार व्यक्ति से वसूला जाए पांच गुना शुल्क: राजेश टोपे
वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, आज, मैंने विशेष रूप से अस्पतालों को निर्देश दिया है कि अस्पताल के बिलों का प्री-ऑडिट किया जाना चाहिए। रोगी को दिए जाने से पहले प्रत्येक बिल को पहले एक ऑडिटर द्वारा ऑडिट किया जाना चाहिए। किसी मरीज की मौत के कारण का पता लगाने के लिए डेथ ऑडिट किया जाना चाहिए।
टोपे ने कहा, महात्मा ज्योतिबा फुले योजना के तहत, यदि किसी से निर्धारित राशि से अधिक शुल्क लिया जाता है, तो जिम्मेदार व्यक्ति को पांच गुना शुल्क या किसी अन्य तरीके से जुर्माने के साथ दंडित किया जाएगा।