दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य

गुजरात: PUBG खेलने पर पिता ने लगाई डांट तो बेटे ने कर ली आत्‍महत्‍या!

गुजरात: मोबाइल गेमिंग एप पबजी के आदी बन चुके एक किशोर ने पिता द्वारा डांटे जाने के बाद आत्महत्या कर ली! यह घटना गुजरात के आणंद जिले की है। उमरेठ तालुका के सुरेली गांव में 11वीं कक्षा के छात्र ने मंगलवार दोपहर अपने खेत में कीटनाशक खाकर जान दे दी।
उमरेठ थाना के उपनिरीक्षक पीके सोधा ने बताया कि किशोर के पिता शिक्षक हैं। पबजी खेलने के लिए उन्होंने बेटे को फटकार लगाई थी। खेत से लौटने के बाद उसने उल्टी शुरू कर दी। उसे आणंद में अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। मालूम हो कि किशोरवय के लड़कों, युवाओं एवं बच्‍चों में PUBG की लत के चलते कई बार केंद्र सरकार पहले भी चिंता जता चुकी थी।
बुधवार को ही सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पबजी सहित चीन के 118 ऐप्‍स को भारत में बैन कर दिया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इन सभी ऐप्‍स की सूची भी जारी की है। इस प्रतिबंध के पीछे मुख्‍य रूप से देश की सुरक्षा का कारण बताया गया है।

पबजी पर पाबंदी से अभिभावक खुश, बच्चे हताश!
पूरे देश में अनगिनत माता-पिता महीनों से पबजी पर प्रतिबंध लगाए जाने का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने बुधवार को उनकी यह इच्छा पूरी कर दी। इस प्रतिबंध से माता-पिता को जहां राहत मिली है, वहीं बच्चे निराश हैं।

बता दें कि सरकार ने जून में जिस समय टिकटॉक समेत 58 अन्य चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया था उससे पहले से ही विभिन्न प्लेटफार्म पर पबजी को प्रतिबंधित करने की मांग उठ रही थी। कुछ माता-पिता इस वीडियो गेम का अपने बच्चों पर प्रभाव पड़ने की शिकायत कर रहे थे तो कई माता-पिता और शिक्षक बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे।
सरकार ने जून में जिस समय टिकटॉक समेत 58 अन्य चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया था उससे पहले से ही विभिन्न प्लेटफार्म पर पबजी को प्रतिबंधित करने की मांग उठ रही थी। कुछ माता-पिता इस वीडियो गेम का अपने बच्चों पर प्रभाव पड़ने की शिकायत कर रहे थे तो कई माता-पिता और शिक्षक बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे। दिल्ली में बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र अनिकेत कृष्णमूर्ति पबजी पर प्रतिबंध से निराश हैं। उन्होंने कहा, अभी-अभी पबजी पर प्रतिबंध लगने की खबर मिली है। मेरे माता-पिता खुश हैं लेकिन यह मेरे लिए हताशा भरा फैसला है। लॉकडाउन के दौरान यही मेरा एकमात्र सहारा था। सरकार ने कई एप प्रतिबंधित किए हैं लेकिन हमें जल्द ही विकल्प चाहिए।