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चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव, दिल्ली में बैठकों का दौर जारी

नयी दिल्ली/हैदराबाद: भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी विवाद बढ़ता ही जा रहा है। गलवान घाटी में हुई ताजा झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत कुल तीन जवान शहीद हो गए हैं। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि सरकार इसका बदला ले और शहीदों का बलिदान व्यर्थ ना जाए। ओवैसी के अलावा भी तमाम विपक्षी नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और शहीदों को श्रद्धांजलि दी है।

ओवैसी ने ट्वीट करके कहा- ‘आज गलवान घाटी में चीन ने जिन तीन बहादुर जवानों को मार डाला, भारत उनके साथ खड़ा है। मैं कर्नल और दो वीर सिपाहियों के परिवार के लिए प्रार्थना करता हूं। सरकार को इन हत्याओं का बदला लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस शहीदों का बलिदान व्यर्थ ना जाए’।

सीएम कैप्टन अमरिंदर बोले- हम कमजोर हुए तो आक्रामक होगा चीन
जवानों की शहादत पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करके कहा-‘भारत सरकार के लिए यह सख्त रवैया अपनाने का समय है। हमारी तरफ से कमजोरी का एक भी संकेत चीन की प्रतिक्रिया को आक्रामक बनाता जाएगा। पूरे देश के साथ-साथ मैं भी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं। देश आपके शोक में आपके साथ खड़ा है।’

उल्लेखनीय है कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए। भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारी लद्दाख में तनाव कम करने के लिये बैठक कर रहे हैं। बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं।

दिल्ली में ताबड़तोड़ बैठकें चल रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो अहम बैठकें कर चुके हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हालात की जानकारी देने पहुंचे हैं।
चीन सीमा पर पैदा हुए हालात की समीक्षा के लिए राजनाथ सिंह ने आज शाम को एक बार फिर बड़ी बैठक की। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवाणे भी शामिल हुए। इससे पहले उन्होंने दिन में भी एक बैठक की थी जिसमें सीडीएस के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।

इस बीच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के डायरेक्टर जनरल एस एस देसवाल ने गृह मंत्रालय में एक बैठक में हिस्सा लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को ताजा हालात की जानकारी दी। आईटीबीपी गृह मंत्रालय के अधीन है और उसके पास चीन से लगी सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है। आईटीबीपी के साथ सेना भी चीन सीमा पर तैनात है।