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जे.जे. अस्पताल में बनेगा हेलिपैड, इमरजेंसी में मरीजों को मिलेगी मदद

मुंबई , महाराष्ट्र सरकार के सबसे बड़े जे.जे. अस्पताल में जल्द ही हेलिपैड की सुविधा होगी। इससे मरीजों को इमरजेंसी के दौरान देश के किसी भी कोने से इलाज के लिए यहां लाया जा सकेगा। मरीजों को तत्काल और प्रभावी उपचार देने के लिए अस्पताल की 10 मंजिला नई इमारत में हेलिपैड बनेगा। जानकारी के अनुसार, अस्पताल को सुपर-स्पेशिऐलिटी बनाने संबंधी 7 साल पुराने प्रस्ताव को प्रशासनिक अनुमति मिल गई है। 963 करोड़ रुपये खर्च करके अस्पताल को देश के बेहतरीन अस्पतालों जैसा बनाया जाएगा। इसके लिए शुरुआती 150 करोड़ रुपये की राशि राज्य के बजट में आवंटित होगी।
डायरेक्ट्रेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च (डीएमईआर) से मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासनिक मंजूरी मिलने के बाद एक सप्ताह के भीतर इसका टेंडर निकाला जाएगा। डीएमईआर निदेशक डॉ. टी.पी. लहाने ने कहा, कुछ तकनीकी खामियों के चलते प्रस्ताव को अनुमति मिलने में थोड़ी देर हो गई लेकिन अब तेजी से इस दिशा में काम होगा। टेंडर निकलने के बाद संभवत: अप्रैल से अस्पताल का काम शुरू हो जाएगा। नई बिल्डिंग आने से बेड्स बढ़ने के साथ ही सुविधाएं बेहतर करने में मदद मिलेगी। वहीं, दूर-दराज के मरीजों को आपतकाल में इलाज देने के लिए नई बिल्डिंग के टॉप पर हेलिपैड बनाया जाएगा। इससे मरीज एयर ऐंबुलेंस के जरिए भी अस्पताल पहुंच सकेंगे।

बता दें कि अस्पताल में अभी 1,352 बेड्स हैं। नई बिल्डिंग के बनने के बाद 1,100 बेड्स बढ़ जाएंगे। फिलहाल, अस्पताल में 18 ऑपरेशन थिअटर हैं, जो बढ़कर 21 हो जाएंगे।
नई इमारत में लगभग हर तरह के ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलेगी। डॉ. लहाने ने कहा कि फिलहाल किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है लेकिन नई इमारत में हार्ट, लिवर, बोनमैरो सहित दूसरे तरह के ट्रांसप्लांट किए जाएंगे। इसके अलावा, 405 अतिरिक्त डॉक्टर अस्पताल से जुड़ेंगे। वहीं, 1,100 लोगों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में रोजगार मिलेगा। 60 डे-केयर बेड्स यानी उन मरीजों के लिए ऐसी सुविधा, जिन्हें दिनभर के उपचार की जरूरत होती है। इसमें ब्लड ट्रांफ्यूजन आदि शामिल हैं।
बता दें कि सरकारी अस्पताल होने के चलते जे.जे. में इलाज के लिए ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर मरीज आते हैं लेकिन, अब अस्पताल अपर मिडल क्लास को भी उपचार देने के लिए विशेष सुविधा शुरू करने वाला है। नई बिल्डिंग में 250 नर्सिंग बेड्स की सुविधा होगी। गौरतलब है कि 43 एकड़ में फैले अस्पताल में रोजाना 3 हजार मरीजों की ओपीडी होती है, वहीं 300 मरीज भर्ती किए जाते हैं।