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पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम सम्बोधन, आत्‍मनिर्भर भारत बनाने पर जोर

नयी दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संकट (कोविड-१९) महामारी और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि चौथा लॉकडाउन नए नियमों के साथ होगा। मोदी ने आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर है। राज्यों की भूमिका बड़ी रहेगी। मोदी ने आर्थिक पॅकेज की घोषणा की और कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की कड़ी के रूप में काम करेगा। पिछले और अभी का पैकेज मिलाकर २० लाख करोड़ का होगा। चौथा लॉकडाउन नए नियमों वाला होगा। इसकी जानकारी १८ मई से पहले दी जाएगी। पीएम ने कहा कि कोरोना अभी जिंदगी का हिस्सा बना रहेगा।
उन्होंने कहा कि इससे देश के बहुत बड़े वर्ग को सपोर्ट मिलेगा। यह २०२० में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर बनाएगा और भारत को नई गति देगा। इसमें ज़मीन, लेबर, लिक्विडिटी और सभीं चीजों पर जोर होगा। यह कुटीर उद्योग, गृह और लघु और मझोले उद्योग के लिए है। यह पैकेज देश के श्रमिक, किसान और माध्यम वर्ग के लिए है। इसमें कई प्रावधान होंगे।
पीएम ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस आर्थिक पैकेज की जानकारी एकाध दिन में विस्तार से देंगी। आगे उन्होंने कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं वर्तमान हालत से हिल गयी हैं। लेकिन हमारे देश ने संघर्ष से इसे संभाला है।
राष्ट्र के रूप में हम बहुत नए मोड़ पर खड़े हैं। यह आपदा संकेत लेकर आई है, सन्देश और अवसर लेकर आई है। मोदी ने संदेश दुनिया में मरीजों की संख्या और मौत के बारे में बताते हुए शुरू किया और कहा भारत में लोगों ने अपने स्वजन खोये हैं। एक वायरस ने दुनिया को तहश नहस कर दिया। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियों को संकट का सामना है।
पीएम मोदी ने कहा कि सारी दुनिया ज़िंदगी बचाने में एक प्रकार से जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा न सुना। निश्चित ही यह मानव जाति के लिए अकल्पनीय है और अभूतपूर्व है। टूटना और बिखरना मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए हमने बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। आज जब दुनिया संकट में है, हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से और विराट होगा।
हम सुनते आये हैं कि २१वीं शताब्दी भारत की है। संकट के बाद दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे हम देख रहे हैं। भारत के नजरिये से देखें तो २१वीं शताब्दी भारत की हो, यह हम सब की जिम्मेवारी है। विश्व की स्थिति सिखाती है इसका एक ही मार्ग है, आत्मनिर्भर भारत।
उन्होंने कहा कि यह त्रासदी हमारे लिए एक अवसर लेकर आई है। आज भारत हर रोज दो लाख पीपीई किट और इतने ही मास्क बन रहा है। मार्च तक हम कुछ नहीं बनाते थे। हमने आपदा को अवसर में बदल दिया। यह दृष्टि आत्मनिर्भर के हमारे संकल्प के लिए प्रभावी सिद्ध होगी। आज दुनिया में आत्मनिर्भर शब्द के मायने बदल गए हैं। अर्थकेंद्रित वैश्वीकरण बनाम मानवकेंद्रित की चर्चा है। भारत में आशा की किरण नजर आ रही है।