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पुणे: बहुमंजिला कोविड-19 अस्पताल का उद्घाटन, एक मंच पर दिखे फडणवीस और अजीत पवार!

मुंबई: पिछले साल नवंबर महीने में बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार के उप-मुख्यमंत्री पद के ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह के बाद दोनों नेताओं ने एक बार फिर से मंच साझा किया है। लेकिन इस बार मौका था पुणे के कोविड-19 अस्पताल के उद्घाटन का।

पुणे नगर निगम की बहुमंजिला कोविड-19 अस्पताल का नेताओं की तरफ से उद्घाटन किया गया। इस मौके पर देवेन्द्र फडणवीस, अजीत पवार और पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोळ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी मौजूद थे।
अस्पताल के कार्यक्रम में अजीत पवार और देवेन्द्र फडणवीस के शामिल होने से राजनीतिक जगत में एक बार फिर हलचल मच गई। सबसे दिलचस्प बात ये रही कि फडणवीस ने जहां पुणे जिले में अजीत पवार की तरफ से किए गए काम की तारीफ की तो वहीं मुंबई में कोविड-19 की स्थिति को संभालने को लेकर उन्होंने राज्य सरकार और शिवसेना की आलोचना की।

गौरतलब है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन के लगने के बावजूद अजीत पवार ने एनसीपी से बगावत करते हुए बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया था। महाराष्ट्र के राज्यपाल ने तड़के देवेन्द्र फडणवीस और अजीत पवार को शपथ दिलाई थी। लेकिन ने बहुमत साबित नहीं कर पाए। जिसके बाद दोनों को पदों से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाकर महाविकास अघाड़ी की सरकार राज्य में बनाई।

मेरी आवाज़ कोई दबा नहीं सकता: फडणवीस
अस्पताल के उद्घाटन के लिए अजीत पवार और विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस के एक मंच पर आने के बाद राज्य में नए सियासी समीकरण की खबरें राजनीतिक गलियारों में घूमने लगी है।
पुणे के बानेर में कोविड अस्पताल के उद्घाटन के दौरान जब मंच पर देवेंद्र फडणवीस बोल रहे थे। तब अचानक माइक में आवाज कम आने लगी। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने आवाज़ न आने की शिकायत की। तब फडणवीस ने मजाकिया लहजे में कहा कि ‘मेरी आवाज को कोई दबा नहीं सकता’। इस पर अजित पवार भी मुस्कुराए। इस दौरान मंच पर बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, अजित पवार, महापौर मुरलीधर मोहाल समेत कई स्थानीय नेता मौजूद थे।

दोनों नेताओं ने किया अस्पताल का उद्घाटन
इसके पहले देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने पिंपरी-चिंचवड में 200 बेड के ऑक्सिजनयुक्त कोविड अस्पताल का उद्घाटन किया था। इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के कई मुद्दों पर बात की। कोरोना पर बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि अभी भी राज्य में रोज 15000 के आसपास लोग कोरोना के शिकार हो रहे हैं। अभी भी राज्य की मृत्यु दर 3.2 है। जो देश की कोरोना मृत्युदर से ज्यादा है। यह एक बेहद ही चिंता का विषय है। उन्होंने कहा की राज्य में कोरोना की जांच को और भी ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि पुणे में जांच अच्छी संख्या में हो रही है। इसी प्रकार मुंबई में भी जांच बढ़ाने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही, युवा सेना की वजह से परीक्षा टाल रही थी सरकार
फडणवीस ने शीर्ष अदालत के फैसले को सही बताया है। उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष की परीक्षा के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया है वह बिल्कुल सही है। महाराष्ट्र सरकार एक तरफा फैसला कर रही थी। यदि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं होती, तो विद्यार्थियों की डिग्री किसी काम की नहीं रहती। महाराष्ट्र सरकार युवा सेना के अनुरोध पर परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था। यदि यह परीक्षा नहीं हुई होती तो भविष्य में इन बच्चों की डिग्री का कोई महत्व नहीं रहता। अदालत के इस निर्णय से छात्रों को फायदा ही होगा।

40 दिन में सबूत नष्ट हो गए तो क्या?: फडणवीस
पूर्व सीएम फडणवीस ने पत्रकारों से कहा कि सुशांत मामले में रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। उन्होंने कहा, बीजेपी के किसी भी नेता ने (राजपूत मामले में) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आदित्य ठाकरे का नाम नहीं लिया है। मामले में जिस तरह के खुलासे सामने आ रहे हैं, मुझे लगता है कि वे हैरान करने वाले हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र ने आश्चर्य जताया कि सीबीआई की जांच से पहले ये सभी खुलासे क्यों नहीं हुए! फडणवीस ने कहा, घटना के 40 दिनों बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथों में ली। अगर इन 40 दिनों के दौरान सबूत नष्ट हो गए तो क्या होगा? मुझे खबरों के माध्यम से पता चला है कि आठ हार्ड डिस्क नष्ट हो गई है।
उन्होंने कहा, इन बातों को देखने के बाद, एक सवाल उठता है कि क्या महाराष्ट्र पुलिस जांच के दौरान किसी राजनीतिक दबाव में थी। मुझे विश्वास है कि सीबीआई सच्चाई सामने लाएगी। केवल एक चीज यह है कि अगर सच्चाई की जांच पहले की गई होती तो मुझे लगता है कि सबूत नष्ट नहीं हुए होते और हमें अपराधी का पता लग गया होता।

संजय राउत ने लगाए थे आरोप
शिवसेना के नेता संजय राउत ने हाल में आरोप लगाया था कि युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के नाम को अभिनेता की मौत मामले से जोड़ने की साजिश की जा रही है। हालांकि, राउत ने किसी का नाम नहीं लिया था और कहा था कि विपक्ष इस बात को हजम नहीं कर पा रहा है कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार राज्य की सत्ता में है। गौरतलब है कि सुशात सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट पर फंदे से लटके पाए गए थे।