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बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: प्रवर्तन निदेशालय ने कारोबारी अनूप गुप्ता को किया गिरफ्तार

नयी दिल्ली: बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी अनूप गुप्ता को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें ईडी की 5 दिन की हिरासत में भेज दिया है। उन्होंने कहा कि इंडिया गेट बासमती चावल बनाने वाली कंपनी केआरबीएल लिमिटेड के निदेशक गुप्ता को केंद्रीय जांच एजेंसी की पांच दिन की हिरासत में भेजा गया है। गुप्ता को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत विशेष अदालत में पेश किया गया था। ईडी के सूत्रों ने कहा कि गुप्ता को अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के मामले में गिरफ्तार किया गया और उन पर आरोप लगाया गया है कि वह इस मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि उसके द्वारा इस मामले से जुड़े जो सबूत जुटाए गए हैं उसमें गुप्ता से पूछताछ जरूरी है।

क्या है ‘अगस्ता वेस्टलैंड’ घोटाला?
फरवरी 2010 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने ब्रिटिश-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद का सौदा किया था, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के लिये 12 हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे। इस पूरे सौदे की कीमत 3600 करोड़ रुपए तय की गई थी। साल 2014 में कॉन्ट्रैक्ट की शर्तें पूरी न होने और 360 करोड़ रुपए के कमीशन का भुगतान करने के आरोपों के बाद भारत की ओर से यह सौदा रद्द कर दिया गया था, लेकिन उस समय तक भारत इस सौदे की 30 फीसदी राशि दे चुका था।

विवाद सामने आने पर रक्षा मंत्रालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी, जिसमें वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों के नाम सामने आए। इटली के एयरोस्पेस और डिफेंस निर्माण से जुड़ी कंपनी फिनमेकानिका कंपनी (अगस्ता वेस्टलैंड जिसकी अधीनस्थ कंपनी थी) के पूर्व प्रमुख ओरसी की गिरफ्तारी के बाद यह मामला सामने आया। ओरसी पर भारत सरकार के इन हेलिकॉप्टरों की डील को हासिल करने के लिए कथित तौर पर 362 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप लगे थे। इस मामले में पूर्व एयर चीफ एसपी त्यागी समेत कुल 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था। कुल मिलाकर इस पूरे मामले में भारतीय नेताओं और सैन्य अधिकारियों पर रिश्वत के तौर पर मोटी रकम लेने का आरोप है। वहीं इस पूरे सौदे की दलाली का आरोप क्रिश्चिएन मिशेल पर लगा था, जिसे फरवरी 2017 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था।