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बारसू रिफाइनरी योजना पर उद्धव ठाकरे बोले- लोगों को विश्वास में लेना चाहिए

मुंबई: महाराष्ट्र के रत्नागिरी में बारसू रिफायनरी मुद्दे पर स्थानीय लोगों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरूवार को प्रभादेवी के रविंद्र नाट्यमंदिर में ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी में नानार में प्रस्तावित रिफाइनरी परिसर के लिए एक वैकल्पिक स्थल के रूप में बारसु का सुझाव दिया था, लेकिन वहां के लोगों को विश्वास में लेने के बाद ही वे इसके साथ आगे बढ़े होते अगर वह मुख्यमंत्री बने रहते।
दरअसल, मुंबई से लगभग 400 किलोमीटर दूर रत्नागिरी में राजापुर तहसील के बारसू के निवासी कई हज़ार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से एक मेगा रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह तटीय क्षेत्र की पारिस्थितिकी को नष्ट कर देगा।
शिवसेना (UTB), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस इन निवासियों का समर्थन करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को लोगों के सभी भय दूर होने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।
शिवसेना (UTB) की ट्रेड यूनियन विंग, भारतीय कामगार सेना की 55 वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने लोगों के विरोध के कारण नानार के वैकल्पिक स्थल के रूप में बारसू का सुझाव दिया था। मेरी सरकार गिरा दी गई थी नहीं तो मैं मांग करता कि परियोजना को स्थानीय आबादी को समझाया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार सृजन और ग्रीन रिफाइनरी के फायदों के बारे में बताना होगा, लेकिन सवाल किया कि अगर यह ग्रीन रिफाइनरी है, तो पुलिस मनमानी क्यों कर रही है?
उद्धव ठाकरे ने पूछा कि इस तरह की परियोजनाएं महाराष्ट्र पर क्यों थोपी जा रही हैं और कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बारसू का दौरा करना चाहिए था और स्थानीय आबादी को रिफाइनरी परिसर का विवरण समझाया जाना चाहिए था।