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बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा पुलिसकर्मी का रिकार्ड, मुआवजे का मामला

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना से मौत के शिकार हुए पुलिसकर्मी के परिजन के मुआवजे से जुड़े विवाद पर राज्य सरकार से पुलिसकर्मी का सारा रिकॉर्ड मंगाया हैं। हाईकोर्ट में पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी व उसकी बेटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही हैं। याचिका में दोनों ने दावा किया है कि उनके सामने वित्तीय संकट के कारण बेघर होने व भुखमरी की समस्या है।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। इस दौरान पुलिसकर्मी की पहली पत्नी ने कहा कि उसे अपने पति की दूसरी शादी के बारे में जानकारी नहीं है। जबकि दूसरी पत्नी ने फेसबुक के कुछ पोस्ट पेश किए। जो उसके व पुलिसकर्मी के बीच हुए संवाद से जुड़े हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि मामले से जुड़े पक्षकार सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। इसलिए सरकारी वकील अगली सुनवाई के दौरान पुलिसकर्मी का सारा आधिकारिक रिकॉर्ड पेश करें। जिसमें पुलिसकर्मी की ओर से जीवित रहते किए गए आवेदन व दूसरे दस्तावेज पेश किए जाए। खंडपीठ ने मामले से जुड़े पक्षकारों को याचिका की प्रत्यक्ष सुनवाई के लिए मुख्य न्यायधीश के पास आवेदन करने को कहा। ताकि सभी पक्षकारो को एक साथ कोर्ट बुलाया जा सके। अभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई चल रही है।
मामले की पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि हम पहली पत्नी, उसकी बेटी व दूसरी पत्नी की बेटी के मुआवजे से जुड़े आवेदन पर विचार करेंगे। गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) में तैनात पुलिसकर्मी सुरेश हटनकर की मई 2020 में कोरोना से मौत हो गई थी। अब उसके परिजन ने मुआवजे के तौर पर मिले 60 लाख रुपए को लेकर दावा किया है