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मथुरा: जब हथिनी पर प्राणायाम करते समय नीचे गिरे बाबा रामदेव!

मथुरा: योगगुरु बाबा रामदेव को हथिनी पर बैठकर प्राणायाम करना भारी पड़ गया। वह हथिनी से असंतुलित होकर गिर पड़े। हालांकि उन्हें कोई चोट नहीं आई है, मगर कुछ क्षणों के लिए वहां मौजूद लोगों की सांसें थम गईं। वाकया गोकुल रमणरेती स्थित कार्ष्णि गुरुशरणानंद के आश्रम का है।
बाबा रामदेव योग क्रियाओं को लेकर कुछ नया करने को कोशिश में रहते हैं। इसी क्रम में सोमवार को योग प्रशिक्षण के दौरान संत गुरुशरणानंद के सजी-संवरी हथिनी राधा पर उनकी निगाह पड़ गई। यह हथिनी लंबे समय से पूजन-स्वागत के चलते आकर्षण का केंद्र रही है। बाबा ने हथिनी पर बैठकर शिष्यों को योग कराना शुरू कर दिया। भ्रामरी प्राणायम के दौरान हथिनी ने अपने कानों के साथ शरीर को तेजी से हिलाया-ढुलाया तो बाबा रामदेव का संतुलन बिगड़ गया और वह गिर पड़े, मगर बाबा ने खुद को संभाल लिया। आश्रम के सेवादार दौड़कर उनके पास पहुंचे।

बाबा रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला के मुताबिक, यह सोमवार की घटना है। लेकिन इससे बाबा रामदेव को कोई चोट नहीं आई है। वे पूर्ण रूप से स्वस्थ है और मंगलवार को दिल्ली में थे। गौरतलब है कि योगगुरु कृष्ण-बलराम पर विवादित बयान के कारण चर्चाओं में आए कथावाचक मुरारी बापू के साथ रविवार को ब्रज प्रवास पर आए थे और उन्होंने कई मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की थी।

भंवरे की आवाज से परेशान हो सकता है हाथी
भ्रामरी प्राणायाम के दौरान भंवरे की गुंजन जैसी आवाज निकलती है। भंवरे की आवाज हाथी को परेशान कर सकती है। हाथी संरक्षण केंद्र एवं देखभाल संस्था एसओएस (फरह) के निदेशक डॉ. बैजूराज ने बताया कि हाथी धीमी से धीमी ध्वनि भी सुन लेता है। यानी जो ध्वनि मनुष्य नहीं सुन पाता, वह भी हाथी सुन लेता है। प्राणायाम करते समय भंवरे की ध्वनि के अलावा कंपन भी होता है।

हथिनी राधा को है जोड़ीदार की तलाश
रमणरेती के कार्ष्णि आश्रम में हथिनी राधा का जोड़ीदार माधव हाथी हुआ करता था और दोनों मिलकर पूजा-पाठ के साथ कई सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत किया करते थे, मगर माधव के गुजर जाने के बाद हथिनी राधा ही सभी दायित्व निवाह रही है। इस टूटी परंपरा को जोड़ने के लिए संत गुरुशरणानंद ने हाथी संरक्षण गृह से राधा के लिए साथी की मांग की है। वाइल्ड लाइफ एक्ट के कारण इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है।