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मशहूर संगीतकार श्रवण राठौड़ का मुंबई में निधन, आशिकी-साजन से मिला था फेम!

मुंबई: 90 के दशक की सबसे मशहूर जोड़ी नदीम-श्रवण फेम श्रवण कुमार राठौड़ का आज मुंबई में निधन हो गया. खबर है कि बॉलीवुड के दिग्गज संगीतकार श्रवण कुमार राठौड़ की डेड बॉडी देने से मुंबई के रहेजा हॉस्पिटल ने मना कर दिया है. जब इसकी वजह अस्पताल प्रशासन से पूछा गया तो उन्होंने चौंका देने वाला जवाब दिया.

10 लाख रुपये का बिल बना वजह
केआरके बॉक्स ऑफिस इंडिया ने अपने ट्वीट में ये दावा किया कि हॉस्पिटल ने 10 लाख रुपये का बिल जमा न करने के चलते श्रवण कुमार राठौड़ की डेड बॉडी उनके परिजनों को देने से इनकार किया है. ये बात भी सामने आ रही है कि राठौड़ ने नाम एक हेल्थ पॉलिसी है, इसके तहत पूरा बिल इंश्योरेस कंपनी जमा करेगी. लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन ने एडवांस में बिल जमा करने की जिद पकड़ रखी है. हालांकि, अभी तक श्रवण कुमार राठौड़ के परिवार का इस पर कोई बयान सामने नहीं आया है.

श्रवण का कोरोना इलाज कर रहे डॉक्टर्स ने बताया था कि वो कई दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित थे जिसके बाद उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी हुई थी. श्रवण की बीमारियों की इन्हीं गंभीर परिस्थितियों की वजह से उनके कोरोना के इलाज में दिक्कत आ रही थी. आज दिन में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें नहीं बचाया जा सका. श्रवण का जन्म 13 नवंबर 1954 को हुआ था.

कोरोना के कारण हुई संगीतकार की मौत
कोरोना वायरस की चपेट में आने से श्रवण कुमार राठौड़ का गुरुवार शाम निधन हो गया था. पिछले दिनों गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान श्रवण वेंटीलेटर सपोर्ट पर भी रहे. लेकिन 66 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया का अलविदा कह दिया. बताया जा रहा है कि श्रवण कुमार राठौड़ की पत्नी और बेटे संजीव राठौड़ भी कोरोना पॉजिटिव हैं, जिनका हॉस्पिटल में ही इलाज चल रहा है.
श्रवण के पिता पंडित चतुर्भुज राठौड़ जाने माने संगीतकार और शास्त्रीय गायक थे. कल्याणजी आनंद जी जैसी जोड़ी चतुर्भुज राठौड़ की शिष्यों में से एक थी.

फिल्म आशिकी से मिला फेम
1990 के दशक में नदीम-श्रवण की जोड़ी के संगीत का दबदबा बॉलीवुड में छाया था. नदीम सैफी अपने साथी श्रवण राठौड़ के साथ मिलकर कई शानदार फिल्मों में संगीत दिया है. फिल्म आशिकी में उनके रोमांटिक गानों की धुन बेहद लोकप्रिय हुईं. ये जोड़ी उस वक्त टूटी जब गुलशन कुमार की हत्या हुई.

फेमस फिल्में
बता दें कि नदीम-श्रवण की जोड़ी ने ‘आशिकी’, ‘साजन’, ‘सड़क’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘साथी’, ‘दीवाना’, ‘फूल और कांटे’, ‘राजा हिंदुस्तानी’, ‘जान तेरे नाम’ ‘रंग’, ‘राजा’, ‘धड़कन’, ‘परदेस’, ‘दिलवाले’, ‘राज’ जैसी फिल्मों में संगीत देकर फैंस को दीवाना किया था. इस जोड़ी के गानों को आज तक पसंद किया जाता है.

1997 में गुलशन कुमार मर्डर केस में नदीम का नाम आने के बाद वे UK चले गए थे और जोड़ी का संगीत फिल्मों में नहीं आ सका. लेकिन 2000 के दशक में दोनों ने ‘ये दिल आशिकाना’, ‘राज’, ‘कयामत’, ‘दिल है तुम्हारा’, ‘बेवफा’ और ‘बरसात’ जैसी कई फिल्मों के लिए संगीत दिया. नदीम के यूके में रहने के बावजूद श्रवण ने लंबे समय तक जोड़ी के नाम से संगीत बनाया. लेकिन 2005 में आई ‘दोस्ती: फ्रेंड्स फॉरएवर’ के बाद यह जोड़ी टूट गई.