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महापौर किशोरी पेडणेकर ने कहा- इन्फ्रा, शिक्षा और स्वास्थ्य मेरी पहली प्राथमिकता

मुंबई: बीएमसी सभागृह में शुक्रवार को मुंबई की नई महापौर के रूप में किशोरी पेडणेकर निर्विरोध चुन ली गईं। 56 वर्षीय पेडणेकर के खिलाफ किसी पार्टी द्वारा नामांकन न करने से उनका निर्वाचन निर्विरोध हो गया। उप-महापौर पद पर भी सुहास वाडकर निर्विरोध ही चुने गए। पेडणेकर ने पत्रकारों से मुंबई को लेकर उनकी प्राथमिकताओं का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उम्दा स्वास्थ्य व्यवस्था लागू करने पर जोर देने की बात कही।
बीएमसी सभागृह में निर्विरोध निर्वाचित होने वाली किशोरी पेडणेकर के पदभार समारोह में शामिल होने पूरे मुंबई से शिवसैनिकों का तांता लगा रहा। बीएमसी मुख्यालय के सामने भगवा झंडे और तमाम बैनर लगाए गए थे। पटाखों के शोर और मिठाई की मिठास के बीच पूरा माहौल खुशनुमा था। महापौर चुनाव के बाद भी उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। पदभार संभालने के बाद किशोरी पेडणेकर ने हुतात्मा चौक पर जाकर वीरों को याद किया। वे गेटवे ऑफ इंडिया पर जाकर शिवाजी महाराज का वंदन किया।

तय की प्राथमिकताएं
पदभार संभालने के बाद पेडणेकर ने मुंबई के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ महानगर को अधिक सुरक्षित बनाने का वादा किया। उन्होंने मुंबईकरों से बेस्ट बसों का अधिकाधिक प्रयोग कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाने की भी अपील की। इसके अलावा, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के साथ पानी बचाने की भी अपील की। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर उन्होंने काम करने का वादा किया। कामकाज का डिजिटलाइजेशन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार को भी उन्होंने अपनी प्राथमिकता बताया। पेडणेकर ने कहा कि कचरा मुक्त मुंबई और गड्ढा मुक्त सड़क बनाने पर भी वे काम करेंगी।

किशोरी पेडणेकर का जमीन से जुड़ाव
मिल मजदूर के परिवार में जन्मी पेडणेकर पहली बार 2002 में नगरसेविका चुनी गई, फिर 2012 और 2017 में भी वे लगातार जीत कर बीएमसी सभागृह आईं। कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पद संभाले। बीएमसी की सबसे महत्वपूर्ण स्थायी समिति की भी वे सदस्य हैं। हालांकि, महापौर चुने जाने के बाद अब वे इस समिति से इस्तीफा दे सकती हैं। शिवसेना से जुड़ने के पहले वे नर्स के रूप में मरीजों की सेवा करती थीं।