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महाराष्ट्र के इन चार जिलों में आज से हार्ड लॉकडाउन, नागपुर में मिला कोरोना का नया डबल स्ट्रेन

नागपुर: महाराष्ट्र के चार जिलों में आज से हार्ड लॉकडाउन लगा दिया गया है। इन जिलों में सतारा, सांगली, बारामती और अहमदनगर शामिल है। यहां किराना, फल, सब्जी, बेकरी, डेयरी, मिठाई और खाद्य पदार्थ की दुकानें भी अगले 7 दिनों तक यानी 10 मई तक बंद रहेगा। हालांकि, ये सभी होम डिलवरी कर सकेंगे। यह लॉकडाउन आज (मंगलवार) सुबह सात बजे से अगले सात दिनों तक यानी 10 मई की रात 12 बजे तक लागू रहेगा।

नागपुर में मिला डबल म्यूटेशन
नागपुर में कोरोना के नए 5 स्ट्रेन मिले हैं। दिल्ली से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 35 सैंपल में यह नए स्ट्रेन पाए गए हैं। सर्दी, खांसी और बुखार इसके प्रमुख लक्षण हैं। नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और नागपुर मेडिकल कॉलेज में आए संदिग्ध मरीजों से यह सैंपल पुणे NIV और दिल्ली के NCDC को भेजे गये थे। 74 सैंपल में से 35 सैंपल में 5 अलग-अलग प्रकार के म्यूटेशन और 26 सैंपलों में डबल म्यूटेशन होने की बात इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के सहयोगी प्रोफेसर डॉ. रवींद्र खडसे ने कही है। इसमें डबल म्यूटेशन याने एक ही जीन्स में दो तरीकों से बदल पाए गए। हालांकि, नागपुर में 26 दिन बाद यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 5 हजार के नीचे आई है। पिछले 24 घंटे में यहां 4987 नए पेशेंट मिले, वहीं इसी दौरान 6601 मरीज ठीक होकर घर भी गए हैं। यहां रिकवरी रेट बढ़कर 81.12 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। पिछले 24 घंटे के दौरान यहां 76 मरीजों की मौत भी हुई है।

जानलेवा है कोरोना का यह स्ट्रेन
डॉ. रवींद्र खडसे के मुताबिक, यह स्ट्रेन मरीजों के लिए बेहद घातक साबित हो सकते है। पहले संक्रमित मरीज के ठीक होने पर उसकी इम्युनिटी बढ़ती थी, लेकिन नए म्यूटेशन में ठीक हुआ मरीज भी कुछ दिनों में फिर से संक्रमित हो सकता है। टीकाकरण के बाद भी कई लोगों को संक्रमण हुआ है। अब उनके सैंपल भी जांच के लिए भेजे जाएंगे।

हाईकोर्ट ने कहा- इजराइल से सबक लेना चाहिए
बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोरोना वायरस से निपटने को लेकर इजराइल का उदाहरण दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि इजराइल से सबक लीजिए। उसने अपनी 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का टीकाकरण कर दिया और इस तरह राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने से कई गुना बचत की। लॉकडाउन से होने वाले नुकसान से बचने के लिए बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर कोविड रोधी टीके खरीदे।

30 दिन बाद 50 हजार से कम संक्रमित मरीज मिले
महाराष्ट्र में बीते 30 दिनों में पहली बार प्रदेश में 24 घंटों के भीतर 50 हजार से कम नए कोरोना केस दर्ज किए गए हैं। इससे पहले राज्य में 5 अप्रैल को 47 हजार 388 नए मरीज मिले थे। पिछले 24 घंटे में यहां 48 हजार 621 और मुंबई में 2662 नए मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों की माने तो टेस्टिंग कम होने के कारण मरीजों की संख्या में थोड़ी कमी आई है।
सोमवार को राज्य में 2 लाख 11 हजार 668 लोगों की जांच की गई, जबकि रविवार को टेस्टिंग का आंकड़ा 2 लाख 57 हजार 470 था। वहीं, मुंबई में सोमवार को 23 हजार 542 लोगों की टेस्टिंग की गई, जबकि रविवार को टेस्टिंग की संख्या 28636 थी। राज्य में मौतों की संख्या अब भी 500 के पार है। सोमवार को राज्य में 567 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
मुंबई में 78 लोगों की मौत पिछले 24 घंटे में हुई है। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 6 लाख 56 हजार 870 और मुंबई में 54 हजार 143 है। मुंबई में डबलिंग रेट 111 दिन का हो गया है। महानगर में 93 चालें/ स्लम तथा 814 इमारतें सील की गई हैं।

आंध्र प्रदेश में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, 15 गुना ज्यादा खतरनाक
भारत में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस का एक और नया स्ट्रेन मिला है। ये स्ट्रेन भारत में मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले 15 गुना ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि ये स्ट्रेन आंध्र प्रदेश में मिला है इसलिए इसे AP Strain और N440K नाम दिया गया है। इससे संक्रमित होने वाले मरीज 3-4 दिनों में हाइपोक्सिया या डिस्पनिया के शिकार हो जाते हैं। मतलब मरीज सांस नहीं ले पाता है।
ऐसा माना जा रहा है कि सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी (CCMB) के पता लगाए गए इस स्ट्रेन की वजह से ही विशाखापट्टनम समेत आंध्र प्रदेश के कई दूसरे इलाकों में संक्रमितों संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि, मामले बढ़ने के पीछे AP (आंध्र प्रदेश) स्ट्रेन कहे जाने वाले इसी वेरिएंट के होने की पुष्टि नहीं हुई है। विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी विनय चंद ने कहा, हमें अभी पता लगाना है कि फिलहाल कौन सा स्ट्रेन फैल रहा है। जांच के लिए सैंपलों को CCMB भेजा गया है, लेकिन एक बात तय है कि विशाखापट्टनम में अभी जो स्ट्रेन फैल रहा है, वो पिछले साल आई पहली लहर से बहुत अलग है।
जिले के कोविड स्पेशल ऑफिसर और आंध्र मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पीवी सुधाकर ने कहा, नए वेरिएंट का इनक्यूबेशन पीरियड छोटा है और यह तेजी से फैलता है। पहले जहां एक मरीज को संक्रमण होने के लगभग एक सप्ताह बाद सांस लेने आदि में तकलीफ होती थी, लेकिन अभी संक्रमण के तीसरे-चौथे दिन ही मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। इस वजह से अस्पतालों में ऑक्सीजन और ICU बिस्तरों पर दबाव बढ़ रहा है।