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महाराष्ट्र: पिंपरी में सरकारी कोविड सेंटर में ICU बेड दिलाने के लिए एक लाख रुपए वसूलने वाले तीन डॉक्टर्स गिरफ्तार!

पुणे: महाराष्ट्र में संक्रमण के बढ़ते मामलों बीच कोरोना मरीज के परिजन को ICU का बेड दिलाने के नाम पर पैसे वसूलने वाले तीन डॉक्टर्स को देर रात पिंपरी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों ने एक मरीजों से ऑटो क्लस्टर स्थित जंबो कोविड सेंटर में बेड उपलब्ध कराने के लिए एक लाख रुपए रिश्वत ली थी। इनमें कोविड केयर सेंटर का संचालन करने वाले स्पर्श प्राइवेट लिमिटेड के डॉक्टर प्रवीण जाधव, वाल्हेकरवाड़ी स्थित पद्मजा हॉस्पिटल के डॉक्टर शशांक राले और डॉक्टर सचिन कसबे शामिल हैं। उनके खिलाफ पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के अतिरिक्‍त आयुक्‍त (3) उल्हास जगताप ने पिंपरी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

फ्री में होता है इस कोविड सेंटर में इलाज!
चिंचवड के ऑटो क्लस्टर में महानगरपालिका की ओर से जंबो कोविड हॉस्पिटल चलाया जा रहा है, जिसका संचालन फॉरच्यून स्पर्श हेल्थ केयर नामक निजी संस्था को सौंपा गया है। यहां मरीजों का सारा इलाज मुफ्त किया जाता है और संस्था को महानगरपालिका की ओर से भुगतान किया जाता है। इसके बावजूद यहां ICU बेड उपलब्ध कराने के लिए एक मरीज के परिजनों से एक लाख रुपए लिए गए।

ऐसे सामने आया यह मामला
मनपा स्कूल की एक मुख्याध्यापिका के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसका वाल्हेकरवाड़ी के पद्मजा नाम के निजी अस्पताल में इलाज जारी था। तबीयत बिगड़ने से उसे ICU बेड की आवश्यकता बताई गई। वहां के डॉक्टरों ने उसके परिजनों से एक लाख रुपए लेकर ऑटो क्लस्टर के जंबो कोविड सेंटर में ICU बेड उपलब्ध कराया। बाद में मुख्याध्यापिका की इलाज के दौरान मौत हो गई।

महापौर ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने का दिया आदेश
चिखली के स्थानीय नगरसेवक कुंदन गायकवाड़ को इसकी भनक लगी। उन्होंने भाजपा के अपने साथी नगरसेवक विकास डोलस के साथ पहले ऑटो क्लस्टर और बाद में पद्मजा हॉस्पिटल में जाकर इसका जवाब मांगा। पद्मजा के डॉक्टर ने एक लाख रुपए स्वीकारने की बात कबूल की। इसके बाद यह मामले मेयर ऊषा ढोरे के संज्ञान में लाया गया और उनके आदेश के बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ मनपा के अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप ने केस दर्ज करवाया।
इसके बाद मनपा आयुक्त ने भी पुलिस आयुक्त को एक पत्र भेजकर इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए सोमवार देर रात तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया।

पहले भी सामने आया है इसी तरह का केस
इससे पहले भोसरी के रामस्मृती मैरिज हॉल और हिरा लॉन्स के कोविड केयर सेंटर में एक भी मरीज का इलाज नहीं करने के बावजूद स्पर्श हॉस्पिटल को 5 करोड़ 14 लाख रुपए के बिल का भुगतान किये जाने का मामला सामने आया था। 9 मार्च की सर्वसाधारण सभा में इसपर हंगामा भी हुआ। इस पर महापौर उषा ढोरे ने इस मामले की जांच कर 10 दिन में रिपोर्ट सभागृह में पेश करने के आदेश दिए थे। हालांकि, पौने दो माह के बाद भी इसकी रिपोर्ट पेश नहीं की गई।