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महाराष्ट्र के 60वें स्थापना दिवस पर CM उद्धव ठाकरे का पूरा संबोधन

मुंबई: महाराष्ट्र की स्थापना के आज 60 वर्ष पूरे हो गए हैं। ‘महाराष्ट्र दिन’ के नाम से हर साल इस मौके पर पूरे महाराष्ट्र में जश्न मनाया जाता है। हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के चलते सब कुछ फीका है।
‘महाराष्ट्र दिन’ पर राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह मुश्किल वक्त है लेकिन यह भी गुजर जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की गति को तोड़ने के लिए हमें नियमों का पालन करना होगा और धीरे-धीरे सहूलियत दी जाएगी।

महाराष्ट्र दिवस: महाराष्ट्र की स्थापना के आज 60 वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रालय पर ध्वजारोहण किया।

उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र को पूरा संबोधन
आज महाराष्ट्र के स्थापना को 60 साल पूरे हो गए। हर साल 1 मई को अनेक कार्यक्रम होते थे लेकिन इस साल नहीं हुआ है लेकिन यह समय भी निकल जाएगा। 3 तारीख के बाद क्या किया जाएगा, उसे लेकर सवाल पूछा जा रहा है। हमने यह लॉकडाउन कोरोना की गति को तोड़ने के लिए किया है और उसमें हम सफल हुए हैं। अब कोरोना के मामलों के बढ़ने की रफ्तार धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

हमने कई जगहों पर कंटेनमेंट जोन बनाया, जगहों को सील किया और शुरुआत में कुछ लोगों को हुए इस कोरोना के कारण भी यह फैला था लेकिन अब हालात ठीक हो रहे हैं। जितने मरीजों की संख्या हमारे पास हैं, उनमें से 75 से 80 फीसदी लोगों में लगभग कोई लक्षण नहीं है। फिर भी उन्हें हमने आइसोलेशन में रखा है ताकि मामले ना बढ़ें। अब हम घरों में जाकर लोगों की जांच कर रहे हैं और करीब 2 लाख लोगों की जांच राज्य में की गई है, जिससे समझ आता है कि शरीर में ऑक्सीजन कितनी है। अगर कोई पहले से बीमार है तो उस पर कैसा असर होगा वह पता लगाकर भी उनकी जांच की जा रही है। हमें जो भी नई तकनीक के बारे में पता चल रही है, उसे भी हम लागू कर रहे हैं। राज्य में करीब 20 हजार लोगों ने कोरोना योद्धा के रूप में शामिल होने की इच्छा जताई है, करीब 10000 लोग इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। कोरोना के कारण लोगों में दहशत है लेकिन डरने की जरूरत नहीं। कोई लक्षण है तो आप इसकी जानकारी दें, इससे डरने की कोई जरूरत नहीं। समय पर आने पर इलाज पूरी तरह से कर लोगों को घर भी छोड़ा गया है।

अब सवाल यह कि 3 तारीख के बाद क्या?
यह सच है कि इसका आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है लेकिन राज्य और देश की पहली प्राथमिकता लोग होते हैं, लोगों को बचाने के बाद आर्थिक हालात का ख्याल रखा जा सकता है। 3 तारीख के बाद जो तीन जोन हैं- रेड जोन, ऑरेंज और ग्रीन जोन। रेड में मुंबई, ठाणे ,कल्याण, डोम्बिवली, पुणे, नागपुर के इलाके शामिल हैं, जिनमें कई परेशानी है। ऑरेंज जोन में अब मामले नहीं आ रहे हैं और जो दूसरी जगहें हैं, वहां धीरे-धीरे हालात बेहतर हो रहे हैं। ग्रीन जोन में सब कुछ शुरू करने की बात पहले की थी। हमने इससे पहले ही कहा था कि जो परप्रांतीय मजदूर हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए भी तैयारी की जा रही है। राज्य के अंदर भी लोग कई दूसरी जगह फंसे हैं, सबको वापस लाया जाएगा लेकिन एक साथ नहीं, प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। 3 तारीख के बाद अभी जितना बंधन है, उतना बंधन नहीं होगा, कुछ सुधार होगा लेकिन लोगों को भी ख्याल रखने की जरूरत है। एकसाथ सब शुरू कर इसे खराब नहीं करना है, धीरे-धीरे इसे किया जाएगा।