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महाराष्ट्र: सिर्फ 2 दिन का अधिवेशन लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं, मुनगंटीवार ने अवधी बढ़ाने की मांग की

मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल का सत्र सिर्फ दो दिनों का होने पर विधानसभा अध्यक्ष नाना पाटोले ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। पटोले ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सभी तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं। इतनी सावधानी के बाद दूसरे राज्यों की तरह 8-10 दिनों का सत्र चलाया जा सकता है। दो दिन में लोगों के सवालों के समाधान खोजना संभव नहीं है। इसलिए सरकार इस बात का ख्याल रखे कि अगला अधिवेशन पूर्णकालिक होना चाहिए।
वहीं सोमवार को विधानमंडल सत्र के पहले दिन विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने भी सत्र सिर्फ दो दिनों का रखने और इस दौरान 10 विधेयक पेश किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल किया कि इन सभी विधेयकों पर एक दिन में चर्चा कैसे हो सकेगी। ऐसे में सत्र की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। मुनगंटीवार ने समितियों का कामकाज ठप होने पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बेहोश करने का काम शुरू है। सभी समितियां कोमा में हैं और लोकल शुरू कर दी जाती है क्या इससे कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं होता।
नियमों के मुताबिक यह पहले अधिवेशन से पहले हो जाना चाहिए लेकिन विधान परिषद के नाम नहीं आ रहें हैं इसलिए समितियों का कामकाज नहीं होने दिया जा रहा है। राज्य की जनता को यह मालूम होना चाहिए कि इस पर राजनीति हो रही है। विधानमंडल सत्र के लिए संक्रमण रोकने को लेकर उठाए गए कदमों की मुनगंटीवार ने तारीफ की साथ ही उन्होंने कामकाज की नियमावली भी बनाने की मांग की।