ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

महाराष्ट्र: सीएम ठाकरे बोले- हमें एकजुट होकर कोरोना से लड़ना होगा, लापरवाही न करें वरना पूर्ण लॉकडाउन ही एकमात्र रास्ता

मुंबई, (राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यदि इसी रफ्तार में केस बढ़ते रहे तो 15 दिन में संसाधन कम पड़ने लग जाएंगे।
सीएम ठाकरे ने शुक्रवार रात 8:30 बजे राज्य की जनता को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की घोषणा तो नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि यदि स्थिति ऐसी रही तो इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने सीधे तौर पर जनता को अल्टीमेटम दिया कि अगर लापरवाही ऐसे ही जारी रही तो लॉकडाउन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि लोग लापरवाह हो गए हैं। शादियों में बहुत भीड़ हो रही है और लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भी भीड़ को रोकने के लिए एक-दो दिन में और अधिक पाबंदियां लगाई जाएंगी।

मुंबई में जनवरी और फरवरी की शुरुआत में 300-400 मरीज रोज़ आ रहे थे, जो अब 8000 से अधिक हैं। पिछले कुछ सप्ताह से संक्रमण में तेजी देखी जा रही है। सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि नौकरी तो फिर मिल जाएगी, लेकिन जान गई तो वापस नहीं आएगी। राज्य के लोग कोरोना के कारण सहमे हुए हैं। मार्च के बाद से स्थिति भयावह हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक बार फिर लॉकडाउन की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है। फिलहाल, महाराष्ट्र के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में मुंबई, नासिक, पुणे, ठाणे और नागपुर शामिल है।

लॉकडाउन लगाया तो आर्थिक स्थिति खराब होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि लॉकडाउन लगाने का फैसला होगा तो फिर आर्थिक स्थिति खराब होगी। हमें धैर्य के साथ एकजुट होकर कोरोना से युद्ध लड़ना होगा। हमने इसके लिए प्रयास किए भी हैं। राज्य में 500 स्थानों पर कोरोना टेस्ट की सुविधा दी गई है। आज की तारीख में हर दिन 1 लाख 82 हजार टेस्टिंग कर रहे हैं, जल्दी ही यह आंकड़ा 2.5 लाख तक पहुंचेगा।

दूसरे राज्यों में क्यों कम हैं केस? इस पर बात नहीं करनी, महाराष्ट्र की चिंता
उद्धव ठाकरे ने कहा, हम किसी भी चीज को छिपाना नहीं चाहते, जो भी सच है वह हम लोगों के सामने रखते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि दूसरे राज्यों में आखिर केस क्यों नहीं बढ़ रहे हैं। मैं किसी और राज्य के बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं अपने राज्य को लेकर पूरी जिम्मेदारी निभाऊंगा। आप सभी लोगों को पिछला मार्च याद होगा, जब अस्पतालों में बेड और एंबुलेंस तक कम पड़ रहे थे, लेकिन हमने इसे सुधारने पर काम किया है।
सीएम ठाकरे ने कहा कि अगर कोई मुझे बुरा कहता है तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। महामारी हमारी परीक्षा ले रही है। हम रोजाना 3 लाख वैक्सीन दे रहे हैं और हमारी कोशिश इस आंकड़े को रोजाना पांच लाख तक ले जाने की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण के मामले में महाराष्ट्र देश में शीर्ष पर है। राज्य में अभी तक 65 लाख लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।

15 दिन यही रहा तो बिगड़ेंगे हालात, कहां से लाएंगे नर्स और डॉक्टर
उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में स्थिति डरावनी है, लेकिन हम सच छिपा नहीं सकते। हमारे पास 2,20,000 आइसोलेशन बेड हैं और उनमें से 62 फीसदी बेड भर चुके हैं। आइसोलेशन बेड 20,000 हैं, जिनमें से 48 फीसदी भर गए हैं। इसके अलावा वेंटिलेटर भी 30 फीसदी भर गए हैं। यदि यही हाल रहा तो आने वाले 15 दिनों में हमारा इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर साबित होने लगेगा। यदि हम बेड बढ़ा भी देंगे तो डॉक्टर और नर्स कहां से लाएंगे?

सीएम ने कहा कि ‘माझे कुटुंब माझी जवाबदारी’ यानी आप मेरे परिवार हो आप की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। मुझे टीका टिप्पणी का कोई परवाह नहीं। आपके हित के लिए जो भी करना पड़ेगा मैं करूँगा। उन्होंने आगे कहा कि सभी राजनीतिक दलों से मैं हाथ जोड़कर विनंती कर रहा हूँ कि लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर राजनीति मत करो। जैसे एक साल आप ने कोरोना को लेकर सहकार्य किया वैसे पुनः एक बार सहकार्य करें। हम जरूर यह युद्ध जीत लेंगे। ऐसा मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ।

हर दिन आ रहे हैं रिकॉर्ड केस!
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ये बातें ऐसे समय पर कही हैं जब राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले हर दिन तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की सबसे खतरनाक रफ्तार महाराष्ट्र में ही है। यहां नमूनों के पॉजिटिव पाए जाने की उम्मीद दर करीब 24 पर्सेंट हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कई बार चेतावनी दी थी कि यदि लोगों ने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया तो सख्त कदम उठाने पड़ेंगे।

गुरुवार को मिले 43 हजार से ज्यादा केस
महाराष्ट्र में गुरुवार को कोविड-19 के 43,183 नए मामले आने से यहां संक्रमितों की संख्या 28,56,163 हो गई। महामारी की शुरुआत के बाद से राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा मामले आए हैं। राज्य में संक्रमण से 249 और मरीजों की मौत हो गई। पिछले साल अक्टूबर के बाद से एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। संक्रमण से राज्य में अब तक कुल 54,898 लोग दम तोड़ चुके हैं।

मुंबई में संक्रमण के 8832 नए मामले
मुंबई में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 8832 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही इस अवधि में कोरोना से पीड़ित 5352 लोग ठीक हुए हैं और 20 लोगों की मौत हुई है। अब शहर में कोरोना के कुल मामलों की संख्या चार लाख 32 हजार 192 हो गई है। अभी तक यहां तीन लाख 61 हजार 43 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं और 11,724 लोगों की मौत हुई है। मुंबई में अब कोरोना के 58,455 सक्रिय मामले हैं।

पुणे में सख्त पाबंदियां
पुणे में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 3 अप्रैल से 7 दिन के लिए रेस्तरां, बार और भोजनालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जिले में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा और मॉल, सिनेमा हॉल, और धार्मिक स्थल सात दिन तक बंद रहेंगे। लगातार दो दिन में संक्रमण के आठ हजार से ज्यादा मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने जिले में ये कड़ी पाबंदियां लगाई हैं।

75 वर्ष से अधिक आयु वालों के टीकाकरण के लिए जनहित याचिका
बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें केंद्र, महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांगों या बिस्तर से उठने में असमर्थ लोगों को घर-घर जाकर कोविड-19 टीके की खुराक उपलब्ध कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह के लोग टीकाकरण केन्द्रों पर नहीं जा सकते हैं या ऐसा कर पाना उनके लिए मुश्किल हो सकता है।