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मिठाई कब बनाई गई अब डिब्बे पर Manufacturing Date लिखना होगा अनिवार्य

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आधारहीन याचिका दायर करने के लिए मुंबई मिष्ठान व्यवसायी एसोसिएशन पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। याचिका में खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के उस निर्देश को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत प्राधिकरण ने मिठाई दुकान के मालिकों को कंटेनर अथवा बिना पैकिंग बेची जाने वाली मिठाई के डिब्बे पर स्थानीय भाषा में इस बात का उल्लेख करने को कहा था कि मिठाई कब बनाई गई है और वह कब तक सुरक्षित है।
प्राधिकरण ने बासी व खराब मिठाई से सेहत पर पड़ने वाले घातक असर को देखते हुए यह निर्देश जारी किया था। जो 1 अक्टूबर 2020 से लागू हो गया है। इसके खिलाफ ‘मुंबई मिष्ठान व्यवसायी एसोसिएशन’ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि प्राधिकरण ने ग्राहकों के हित में मिठाई के सुरक्षित होने की तारीख घोषित करने का निर्देश जारी किया है। ऐसे में हमे यह याचिका गलत नजर आ रही है। लिहाजा इसे खारिज किया जाता है।
इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुनजेकर ने कहा कि सिर्फ भारतीय मिष्ठानों को लेकर मिष्ठान के बनाने व सुरक्षित रहने की तारीख का उल्लेख करने को कहा गया है। अन्य मिष्ठानों को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। यह भेदभावपूर्ण है। किंतु खंडपीठ ने प्राधिकरण के निर्णय को जनहित में मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को जुर्माने की रकम एडवोकेट कोविड राहत कोष में जमा करने को कहा है।

मिठाइयों की एस्पायरी डेट तय
जो मिठाई आप खरीद रहे हैं, वह कब की बनी है, और कब खराब हो जाएगी और आप इसे कितने दिन रख सकते हैं। इसके लिए सरकार ने नया नियम बनाया है, जो १ अक्टूबर से लागू भी हो गया है। इस नियम के तहत दुकानदार को मिठाई की ट्रे पर मिठाई की अवधि अनिवार्य रूप से लिखना जरुरी है।
यानि मिठाई कितने दिन पुरानी है और कब यह खराब होगी इसकी स्पष्ट जानकारी देनी होगी।
यह बात अलग है कि जानकारी के अभाव में ग्राहकों से लेकर दुकानदार तक सब इस नए नियम से अनभिज्ञ हैं और कहीं भी इसका कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है।

जानें- क्या है नया नियम, दो लाख तक का जुर्माना
खाद्य नियामक ने खुली मिठाइयों पर ‘बेस्ट बिफोर डेटÓ लिखना अनिवार्य किया है। इससे खुली मिठाइयों के इस्तेमाल की समय सीमा का पता चलेगा, साथ ही मिठाई का कितने समय तक इस्तेमाल ठीक रहेगा, इसकी जानकरी मिलेगी। कोई दुकानदार मिठाइयों पर स्लिप नहीं लगाएगा तो नियमानुसार उस पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

मिठाइयों की एस्पायरी डेट
कलाकंद और गुलाब सकरी 1 दिन
दुग्ध उत्पाद से बनी, बंगाली मिठाइयां 2 दिन
मावे से बनी मिठाइयां 4 दिन
घी, ड्राईफूड व लड्डू, काजू कतली आदि 7 दिन
बेसन लड्डू, चना बर्फी, अंजीर, खजूर बर्फी आदि 20 दिन