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मुंबई: एक और पुलिस अधिकारी ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप!

मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ एक और पुलिस अधिकारी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। पुलिस अधिकारी ने परमबीर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। बीते 20 अप्रैल को लिखे इस पत्र की प्रति पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील को भी भेजी है। शिकायत करने वाले इंस्पेक्टर बीआर घाडगे फिलहाल अकोला पुलिस के कंट्रोल रूम में तैनात हैं।
फिलहाल, महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) के पद पर तैनात परमबीर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में यह दूसरी शिकायत है। इससे पहले मुंबई में तैनात अनूप डांगे नाम के पुलिस अधिकारी ने सिंह के खिलाफ राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था। डांगे का दावा है कि एक मामले में सिंह ने उन पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न करने का दबाव बनाया था। इसके बावजूद उन्होंने कार्रवाई की तो मुंबई पुलिस कमिश्नर की कुर्सी संभालने के बाद उन्होंने डांगे को निलंबित कर दिया और फिर रिश्तेदार के जरिए बहाली के लिए दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी।

घाडगे के मुताबिक, जब सिंह ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे वे यहीं के बाजारपेठ पुलिस स्टेशन में तैनात थे। उनके पास परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत हैं और जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा वे संबंधित अधिकारी को इससे जुड़े सबूत सौंपेंगे। फिलहाल, सिंह ने इस मामले पर कोई सफाई नहीं दी है।
बता दें कि एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन मामले के बाद राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का तबादला कर दिया था। इसके बाद सिंह ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के आदेश पर प्राथमिक जांच के बाद सीबीआई ने देशमुख पर एफआईआर दर्ज कर लिया है।

जानें- आखिर क्या है पूरा मामला?
गांवदेवी पुलिस स्टेशन में तैनात अनूप डांगे ने सिंह पर भ्रष्टाचार और अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने का आरोप लगाते हुए दो महीने पहले गृहविभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था। अब डांगे की शिकायत को आगे की जांच के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे के पास भेज दिया गया है। अपनी शिकायत में डांगे ने दावा किया है कि साल 2020 में एक पब मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से नाराज सिंह ने उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए थे।
डांगे ने यह भी दावा किया है कि 2019 में जब वे देर रात चल रहे पब को बंद कराने पहुंचे तो उसके मालिक ने सिंह के साथ अपने नजदीकी रिश्तों का दावा करते हुए उन्हें हड़काने की कोशिश की थी। उनका आरोप है कि पब के मालिक ने हवलदार पर हमला करने वाले आरोपियों की फरार होने में मदद भी की थी।
डांगे के मुताबिक, कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें फोन कर पब के मालिक और एक फिल्म फाइनेंसर के पोते के खिलाफ मामला न दर्ज करने को कहा लेकिन जब उन्होंने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली तो उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। अपनी शिकायत में डांगे ने कहा है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाए जाने के बाद सिंह ने उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ जांच शुरू करवा दी। बाद में एक रिश्तेदार के जरिए सिंह ने उसने बहाली के लिए पहले दो करोड़ फिर एक करोड़ रुपए मांगे। मामले में सबूत होने का दावा करते हुए डांगे ने सिंह के खिलाफ जांच की मांग की थी।
बता दें कि परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद डांगे को मुंबई पुलिस में बहाल कर दिया गया है। सिंह के खिलाफ इससे पहले एपीआई सचिन वाझे मामले में एक जांच चल रही है। नए मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने डीजीपी पांडे को जांच सौंपी है अगले कुछ सप्ताह में इस मामले में वे सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप सकते हैं। अपनी रिपोर्ट में नागराले ने कहा था कि सिंह के निर्देश पर ही वाझे को सीआईयू की कमान सौंपी गई थी और वे वह सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था।