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मुंबई मनपा में शिवसेना-भाजपा 24 साल बाद पहली बार आमने-सामने

मुंबई: मुंबई मनपा की समितियों के अध्यक्ष पद को लेकर होने जा रहे चुनाव के लिए बुधवार को नामांकन दाखिल किए गए। मनपा में 24 साल बाद पहली बार शिवसेना और भाजपा आमने-सामने चुनाव लड़ रही है। स्थायी समिति के लिए शिवसेना ने तीसरी बार यशवंत जाधव पर भरोसा जताया है, जबकि विपक्ष की तरफ से कांग्रेस ने आसिफ जकारिया को चुनावी मैदान में उतारा है।
भाजपा की ओर से मकरंद नार्वेकर को उम्मीदवारी दी गई है। शिक्षा समिति के लिए शिवसेना ने तीन साल पूर्व राकांपा से शिवसेना में शामिल हुई संध्या दोषी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने सुरेखा पाटिल और कांग्रेस ने संगीता हंडोरे को उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि मनपा में 1996 से एक साथ गठबंधन में रहने वाली शिवसेना- भाजपा पहली बार मनपा की समितियों के अध्यक्ष पद के चुनाव में आमने-सामने होंगी। वर्ष 2017 का मनपा चुनाव शिवसेना और भाजपा ने अलग-अलग लड़ा था। पिछले तीन साल से शिवसेना को भाजपा अपना अंदरुनी समर्थन देती आ रही थी, लेकिन वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के खेमे में शामिल हो गई और मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर ली।
इसके बाद मनपा में भाजपा ने शिवसेना का पूरी तरह विरोध करना शुरू कर दिया। मनपा के वर्ष 2017 के चुनाव में अलग-अलग लड़ने के बावजूद भाजपा ने मनपा में शिवसेना को तकलीफ नहीं दी। विरोधी पक्ष का नेता पद भी नहीं लिया, इतना ही नहीं कोई चुनाव भी नही लड़ा। भाजपा ने पहली बार शिवसेना के खिलाफ मनपा में खुलकर ताल ठोकी है। इधर पिछले तीन साल से समिति अध्यक्ष के चुनाव में न कूदने वाली कांग्रेस भी चुनावी मैदान में है। माना जा रहा है कि कांग्रेस चुनावी मैदान में कूदकर शिवसेना पर दबाव बनाना चाह रही है।