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मुंबई महानगरपालिका चुनाव 2022: अजित पवार बोले- 50 से 60 नगरसवेक चाहिए…

मुंबई: मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में एनसीपी के फिलहाल 8 नगरसेवक हैं, लेकिन आगामी महानगरपालिका चुनाव में पार्टी के 50-60 नगरसवेक होना चाहिए। यह लक्ष्य राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया है। वह रविवार को मुंबई में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन के उद्‌घाटन सत्र में बोल रहे थे। चूनाभट्टी के सोमैया मैदान में आयोजित इस एक दिवसीय सम्मेलन का फोकस ‘मिशन 2022 मुंबई महानगरपालिका’ था।
अजित पवार ने कहा कि बीएमसी में एनसीपी के फिलहाल आठ नगरसेवक हैं। हमारे अब तक अधिकतम 14 नगरसेवक जीतकर आए हैं। इस बार हमारी संख्या 50 से 60 होनी चाहिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि इस लक्ष्य को पाने के लिए अभी से जुट जाएं। हर वॉर्ड में काम करना होगा, लोगों की समस्याएं हल करनी होगी।

एक मंत्री, एक दिन
मुंबई में एनसीपी के जनाधार विस्तार की रूपरेखा पर भी अजित पवार ने अपना रुख साफ किया। उन्होंने कहा कि अगर मुंबई में हमारे ज्यादा नगरसेवक होंगे, तो हम ज्यादा विधायक चुनकर ला सकेंगे। मुंबई में पार्टी के विस्तार के लिए पवार ने कहा कि वह खुद भी महीने में एक दिन मुंबई के लिए रिजर्व करेंगे। अगर इसी तरह एनसीपी के 16 मंत्रियों ने एक-एक दिन मुंबई के लिए रिजर्व किया तो बेहतर नियोजन हो सकता है।

शिवसेना नंबर-वन रहनी चाहिए
पवार ने कहा कि बीएमसी में शिवसेना नंबर वन है। हम शिवसेना को कमजोर नहीं करेंगे। वह नंबर वन ही रहनी चाहिए, लेकिन एनसीपी को बीएमसी में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।

ये दीवार टूटती क्यों नहीं?
अजित पवार ने कहा कि मिशन-2022 को लेकर भी दुष्प्रचार किया जा रहा है कि यह शिवसेना और कांग्रेस को कमजोर करने का कार्यक्रम है। विपक्ष लगातार महाविकास आघाडी में फूड डालने का प्रयास कर रहा है, लेकिन हम सब एक हैं। हम सभी को एक-दूसरे के प्रति भरोसा है। विपक्ष को यह लगना ही चाहिए कि आखिर यह दीवार टूटती क्यों नहीं?

बीजेपी से बेहतर शिवसेना
अजित पवार ने कहा कि शिवसेना की विचारधारा भले ही अलग है, लेकिन वह बीजेपी से कई गुना बेहतर है। मुंबई महाराष्ट्र की अस्मिता है। पिछले पांच साल में बीजेपी ने इसी अस्मिता को खत्म करने का काम किया है। कई परियोजनाएं मुंबई और राज्य के बाहर भेजने का काम किया है। यह बात मुंबई के लोगों को बताना चाहिए। महाविकास आघाडी के कार्यकर्ता आपस में बिना किसी सघंर्ष के अपनी-अपनी पार्टी के विकास का काम करें।

दिल्ली का उदाहरण याद रखो
बीजेपी ने दिल्ली चुनाव में अपने सभी मंत्रियों और सांसदों को उतार दिया था। बावजूद इसके आम आदमी पार्टी को 62 सीटें इसलिए मिलीं, क्योंकि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जनता की समस्याओं की तरफ ज्यादा ध्यान दिया। हमें भी लोगों की समस्याओं पर ही फोकस रखना होगा।

पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार

जो सत्ता जाने पर साथ, वे अपने हैं
अजित पवार ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि सत्ता आते ही जो लोग तुमसे चिपक रहे हैं, उन्हें दूर रखो। दो साल इंतजार करो और देखो कि वे तुम्हारे साथ रहते हैं या नहीं। इसी बहाने अजित पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वालों की भी खिंचाई की। उन्होंने कहा कि नवाब मलिक और नरेंद्र वर्मा को छोड़ दिया जाए, तो मुंबई के बाकी सभी अध्यक्ष पार्टी छोड़कर चले गए। सचिन अहिर, प्रसाद लाड, चित्रा वाघ, संजय दीना पाटिल इन सबको पार्टी ने सब कुछ दिया था। इसलिए अब ऐसे लोगों को ढूंढो जो सत्ता रहे या न रहे, पार्टी छोड़कर न जाएं।

महाविकास आघाडी बनाम बीजेपी
कुल मिलाकर अजित पवार ने जिस तरह से शिवसेना को नंबर वन बनाए रखने लेकिन अपने नगरसेवकों की संख्या बढ़ाने की बात की है, इससे इतना तो साफ है कि मनपा चुनाव में एनसीपी की प्लानिंग शिवसेना के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने की है। यानी 25 साल पहले जो ‘शक्तिवर्धक फॉर्म्युला’ बीजेपी ने अपनाया था, अब वही फॉर्म्युला एनसीपी भी अपनाने की फिराक में है। इसलिए मनपा चुनाव में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस तीनों महाविकास आघाडी के रूप में चुनाव लड़े, तो आश्चर्य नहीं होगा!