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मुंबई: शिवसेना बोली- सेप्टिक टैंक में सफाई के दौरान हुई कर्मचारियों की मौत चिंताजनक

मुंबई: शिवसेना ने बुधवार को सेप्टिक टैंक में सफाई करने वाले कर्मचारियों की मौत पर चिंता व्यक्त की और कहा न तो प्रशासन और न ही समाज उनकी दुर्दशा के प्रति संवेदनशील है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन की कमान संभालने वाली उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा कि क्या किसी को इस बात का एहसास है कि इस तरह से जान गंवाने वाले स्वच्छताकर्मियों के परिवार वालों पर क्या बीतती होगी।
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में यह टिप्पणी की कि सोमवार को उपनगरीय गोवंडी में एक आवासीय परिसर में सफाई कर रहे तीन सफाई कर्मचारियों की सेप्टिक टैंक में फंसने के बाद दम घुटने से मौत हो गई। शिवसेना ने आरोप लगाया कि न तो प्रशासन और न ही समाज इस तथ्य के प्रति संवेदनशील है, स्वच्छता के सच्चे राजदूतों के लिए स्वच्छता अब ‘यमदूत’ बन गई है।
मुंबई में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के ठाणे, कल्याण और नासिक के अलावा गुजरात और तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों में भी ऐसी जानलेवा घटनाएं हुई हैं। स्वच्छताकर्मियों के लिए सेप्टिक टैंक और मैनहोल सड़कों पर ‘गैस चैंबर’ बन गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में खुले मैनहोलों में फिसलने से कई लोगों की जान चली गई है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार द्वारा एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान की पहल की थी।
गौरतलब है कि सोमवार को तीन मजदूर विश्वजीत देवनाथ (32), संतोष प्रभाकर कलसेकर (45) और गोविंद संग्राम छोरटिया (34) सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से मौत हो गई थी। मजदूरों को दमकल वाहन और एनडीआरएफ कर्मचारियों की मदद से बाहर निकाल कर अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। ये मजदूर स्लम रिहेबिलिटेशन अथॉरिटी की 22 मंजिला इमारत मौर्या सोसायटी में सेप्टिक टैंक को साफ कर रहे थे। यह बिल्डिंग गोवंडी के गणेशवाड़ी इलाके में है, इन मजदूरों को सफाई के लिए ठेके पर रखा गया था।
परिमंडल ६ के पुलिस उपायुक्त शशि कुमार मीणा के अनुसार हादसे के बाद सोसायटी के कोषाध्यक्ष पवन विश्वनाथ पालव (40) को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार श्रमिकों के पास सेप्टिक टैंक साफ करने का कोई अनुभव नहीं था।