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राज्यसभा चुनाव: महाराष्ट्र में भाजपा के सभी उम्मीदवार जीते! शिवसेना के संजय राउत, कांग्रेस के इमरान प्रतागढ़ी भी हुए विजयी

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) मुखिया मराठा छत्रप शरद पवार के ‘पावर’ को ध्वस्त करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सूबे की सियासत के ‘जादूगर’ साबित हुए हैं। उनकी सधी हुई रणनीति की वजह से महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार के कुल 10 वोट फूटे, जिसकी वजह से भाजपा की तरफ से राज्यसभा चुनाव में खड़े किए गए तीसरे उम्मीदवार धनंजय महाडिक भी चुनाव जीत गए। भाजपा के तीनों ही उम्मीदवार विजयी हुए। राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जीत के बाद कहा कि यह हमारे लिए खुशी का क्षण है।

फडणवीस ने तीसरा उम्मीदवार उतारकर सबको हैरत में डाला!
राज्यसभा चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा के कोटे से सिर्फ दो उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही थी, लेकिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोल्हापुर के धनंजय महाडिक को पार्टी के तीसरे प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतारकर सभी को चौंका दिया था।

दूसरी तरफ शिवसेना के कोटे से सिर्फ एक प्रत्याशी की जीत पक्की होने के बावजूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार में शामिल एनसीपी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के समर्थन के आधार पर इस राज्यसभा चुनाव में पार्टी के दूसरे प्रत्याशी के रूप में संजय पवार को चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि, देर रात आए राज्यसभा के चुनाव परिणाम में भाजपा ने तीनों सीट पर जीत हासिल कर महाविकास आघाडी सरकार को जोरदार झटका दिया है।

जानें-किसको कितने वोट मिले?
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 5 सीटों का चुनाव परिणाम इस प्रकार रहा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (भाजपा) 48 वोट, अनिल बोंडे (भाजपा) 48 वोट और धनंजय महाडिक 41.56 वोट मिले।
दूसरी ओर शिवसेना उम्मीदवार संजय राउत को 41 वोट, राकांपा उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल को 43 वोट मिले। एमवीए की तरफ से खड़े किए गए शिवसेना के तीसरे प्रत्याशी संजय पवार को 33 वोट मिलने की वजह से इस चुनाव में उनको पराजय का सामना करना पड़ा है।
शिवसेना के दूसरे प्रत्याशी की हार के पीछे MVA के 10 विधायकों का वोट फूटना प्रमुख कारण रहा। बताया जा रहा है कि निर्दलीय व छोटे दलों को मिलाकर करीब 10 विधायकों ने इस राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की। ध्यान रहे कि शिवसेना प्रत्याशी संजय पवार को वोटिंग के दौरान पहली पसंद के कुल 33 और धनंजय महाडिक (भाजपा) को 27 वोट मिले थे। इसके बावजूद शिवसेना उम्मीदवार को दूसरी पसंद के वोट के दौरान हुई क्रॉस वोटिंग की वजह से हार का सामना करना पड़ा।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्यसभा चुनाव के समय विधान भवन में बैठकर खुद भाजपा व समर्थक निर्दलीय विधायकों की वोटिंग पैटर्न पर बारीकी से नज़र गड़ाए हुए थे। भाजपा के तीनों उम्मीदवारों की जीत होने पर फडणवीस ने कहा कि भाजपा के तीसरे उम्मीदवार धनंजय महाडिक को कुल 41.56 वोट मिले हैं।
यह शिवसेना के अधिकृत पहले उम्मीदवार को मिले वोट से भी प्वाइंट में थोड़ा अधिक है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी की जीत का अंतर इतना ज्यादा है कि यदि कोर्ट ने राकांपा विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक को वोटिंग करने का अधिकार दिया होता, तो भी भाजपा का तीसरा प्रत्याशी चुनाव जीत जाता।

चुनाव जीतने का शुरू हुआ सिलसिला आगे भी जारी रहेगा
आगे फडणवीस ने कहा कि जो लोग स्वयं को महाराष्ट्र और स्वयं को ही मुंबई समझते थे, उन्हें अब समझ में आ गया होगा कि राज्य की 12 करोड़ जनता असल में महाराष्ट्र और मुंबई है। जीतने का यह सिलसिला जो शुरू हुआ है वह आगे भी जारी रहेगा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मुंबई मनपा सहित करीब 14 महानगर पालिकाओं के चुनाव भी चार महीने बाद होने वाले हैं।

महाराष्ट्र में क्या हुआ खेला?
महाराष्ट्र की बात करें तो केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार पीयूष गोयल 48 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। इसके अलावा बीजेपी के एक और उम्मीदवार अनिल बोंडे ने 48 वोट के साथ जीत दर्ज की। इसके साथ ही भाजपा के धनंजय महाडिक को 41.58 वोट मिले।
कांग्रेस के इमरान प्रतागढ़ी भी विजयी हुए है। एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल को 43 वोट मिले। वहीं, शिवसेना के उम्मीदवार संजय राउत ने भी 41 वोटों के साथ जीत दर्ज की। शिवसेना के संजय पवार को 39.26 वोट मिले और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार बनाए गए इमरान प्रतापगढ़ी 44 वोट हासिल कर जीत गए। यहां भाजपा ने तीन उम्मीदवार जबकि शिवसेना ने दो और कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने एक-एक उम्मीदवार उतारे थे। इस प्रकार, छह सीट के लिए सात उम्मीदवार मैदान में थे।

41 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए थे
बता दें कि राज्यसभा की कुल 57 सीटें (15 राज्यों की) खाली हुई थी। इनमें से 41 पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था।