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रामगोपाल यादव का बड़ा खुलासा- एक-दो दिन में हो जाएगी अतीक के एक बेटे की हत्या!

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में पिछले दिनों हुए उमेश पाल हत्याकांड में हर रोज़ नए तथ्य सामने आ रहे हैं। यूपी पुलिस पूरी एक्शन में है। पुलिस ने सोमवार को मुठभेड़ में 23 वर्षीय विजय चौधरी उर्फ़ उस्मान दूसरे शूटर को भी मार गिराया। वर्ष 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर पहली गोली इसने ही चलाई थी। विजय चौधरी उर्फ़ उस्मान के सिर पर पचास हज़ार रुपये का इनाम था।
वहीं, पुलिस मामले में फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। अतीक के बेटे असद समेत पांच मोस्टवॉन्टेड अभी तक फरार हैं।
इसी बीच, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने बड़ा बयान दिया है। रामगोपाल के इस बयान से हलचल मच गई है। सपा राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने इटावा में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रयागराज की घटना में असल आरोपी नहीं मिल रहे हैं तो दबाव है कि जो पकड़ में आ जाएगा उसको मार देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि अहमद के पढ़ने वाले दो लड़कों को तो पहले ही दिन पकड़ ले गए। आप देख लेना उनमें से एक की हत्या हो जाएगी। संविधान जीवन देने का मौलिक अधिकार देता है। किसी का जीवन आप ले नहीं सकते हैं, विधि सम्मत तरीके के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। पुलिस पकड़ ले फिर एनकाउंटर करे तो यह दंडनीय अपराध है। आज नहीं तो कल दूसरी व्यवस्था बनेगी, यह जो फर्जी एनकाउंटर करने वाले लोग हैं नेता सब बच जाते हैं, अधिकारी पर हत्या का मुकदमा कायम होगा।
रामगोपाल यादव ने कहा कि माफिया के दो लड़कों को पहले दिन ही पकड़ ले गए थे, उनमें से एक की हत्या हो जाएगी, आप देख लेना। उन्होंने कहा कि अतीक के पांच बेटे हैं, दो पहले से ही जेल में बंद है। मामले में नामजद असद अभी फरार है, बाकी दो नाबालिग बेटे कहां है, ना तो पुलिस बता रही है और ना ही परिवार?
रामगोपाल ने दावा किया कि इन्हीं दो में से किसी एक की हत्या हो जाएगी। संविधान जीवन देने का मौलिक अधिकार देता है, लेकिन आप किसी का जीवन नहीं ले सकते हैं। रामगोपाल ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में किसान विरोधी डबल इंजन की सरकार है।

बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक शातिर शूटर को पुलिस ने सोमवार की सुबह मुठभेड़ में मार गिराया था। हत्याकांड के बाद से पुलिस को विजय उर्फ उस्मान की तलाश थी। इससे पहले, उमेश पाल और दोनों सिपाहियों की हत्या में शामिल अरबाज को पिछले सोमवार को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया गया था। शूटरों ने जिस क्रेटा गाड़ी से उमेश पाल पर हमला किया था, वह गाड़ी अरबाज ही चला रहा था। चकिया क्षेत्र में हमले में प्रयुक्त क्रेटा कार बरामद होने के बाद इंजन और चेचिस नंबर से पुलिस आरोपी अरबाज तक पहुंच गई।
पीपल गांव इलाके में अरबाज के होने की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की पुलिस को देखकर अरबाज ने फायरिंग की। जवाबी फायरिंग में अरबाज को ढेर कर दिया गया। मुठभेड़ में धूमनगंज इंस्पेक्टर के दाहिने हाथ में भी गोली लगी थी। मामले में अभी नामजद कई आरोपी फरार है, पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।

कैसे हुई थी उमेश पाल की हत्या?
24 फ़रवरी को उमेश पाल पर कोर्ट से वापस लौटते वक़्त हमला हुआ। सीसीटीवी फ़ुटेज में साफ़ नज़र आता है कि उमेश पाल जैसे ही अपने घर के पास पहुंचे, वैसे ही बदमाशों ने पहले तो उनकी कार पर गोलियां चलाईं। फिर जब उमेश अपने गनर के साथ घर की ओर भागे, तो बदमाशों ने उन पर दो बम फेंके। तीनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ इलाज के दौरान उमेश पाल और उनके गनर संदीप मिश्रा की मौत हो गई। दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह का लखनऊ में इलाज चल रहा है और उनकी भी हालत नाज़ुक बनी हुई है।