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राहुल गांधी जब तक माफी नहीं मांगते, मुंबई में पैर नहीं रखने देंगे; शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले की खुली चुनौती

मुंबई: ‘बालसाहेबांची शिवसेना’ और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के सांसद और विधायकों ने राहुल गांधी और कांग्रेस को खुली चुनौती दी है कि सावरकर मामले में अपने बयान के लिए जब तक राहुल गांधी सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक उन्हें मुंबई में पैर नहीं रखने देंगे।
दक्षिण मध्य मुंबई से सांसद राहुल शेवाले ने याद दिलाया कि वीर सावरकर का अपमान करने वाला इसी तरह का बयान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने दिया था, तब बालासाहेब ठाकरे ने अय्यर के खिलाफ जूते मारो आंदोलन किया था। शनिवार को शिवाजी पार्क पर सांसद राहुल शेवाले, स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, विधायक सदा सरवणकर, यामिनी यशवंत जाधव, प्रवक्ता श्रीमती रंजीत सावरकर, शीतल म्हात्रे, विभाग प्रमुख गिरीश धनूरकर, महिला विभाग सयोंजक श्रीमती प्रिया गुरव, गिरीश धनूरकर (विभाग प्रमुख), कुणाल वाडेकर (माहिम विधानसभा प्रमुख), प्रवीण जैन (धारावी विधानसभा प्रमुख) निशिकांत पठारे (माहीम विधानसभा प्रमुख) वाई समन्वयक), योगेश गोवेकर और राजन पारकर (उपखंड प्रमुख) संतोष तेलवाने, बाबू ठाकुर, संदीप देवलेकर, अभिजीत राणे, मिलिंद टंडेल, योगेश पाटिल, प्रशांत पाटिल सभी शाखा प्रमुख, प्रिया गुरव (महिला विभाग प्रमुख), सायली देवलेकर (महिला माहीम विधानसभा प्रमुख) अश्विनी कुलकर्णी, रंजना तायडे (महिला उपखंड प्रमुख), मंदा भाटकर, कोमल परब, आशा चारी (महिला शाखा प्रमुख) सहित तमाम लोगों ने राहुल गांधी के खिलाफ ‘जूते मारो’ आंदोलन कर विरोध जताया।

इस मौके पर सांसद शेवाले ने कहा कि राहुल गांधी जब तक इस बयान के लिए माफी नहीं मांगते, उन्हें मुंबई में पैर रखने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ढाई साल के दौरान सत्ता में रहते उद्धव ठाकरे की पार्टी ने कैबिनेट में सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव क्यों नहीं पारित किया? खुद सांसद संजय राउत ने इसकी संसद में मांग क्यों नहीं की?

उद्धव सेना ने बीजेपी को घेरा
वहीं उद्धव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ठीक-ठाक चल रही थी, पता नहीं उन्होंने यह मामला क्यों उठाया? सावरकर का मामला उठाकर उन्होंने बीजेपी व शिंदे गुट को मसाला दे दिया है। उद्धव सेना के प्रवक्ता व राज्यसभा के सदस्य संजय राउत ने कहा कि सावरकर का अंग्रेजों के पास दया याचिका दायर करना गलत नहीं था। वे बाहर निकलकर देश के लिए कुछ करना चाहते थे।
उद्धव ठाकरे की सेना ने कहा है कि पिछले 8 वर्षों से केंद्र में बीजेपी की सरकार है। हम लगातार मांग करते रहे कि सावरकर को ‘भारत रत्न’ सम्मान दिया जाए, लेकिन ये लोग बहरे बने रहे। क्या इसे सावरकर प्रेम का ढोंग न कहा जाए।

…जब विवाद में घिरे राज्यपाल
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी अपने बयान को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को पुराना आदर्श और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, नितिन गडकरी और शरद पवार को महाराष्‍ट्र का नया आदर्श बताया है। उनके इस बयान से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने राज्यपाल की आलोचना करते हुए उन्हें दूसरे राज्य में भेजने की मांग की, जबकि बीजेपी ने राज्यपाल को तोल-मोलकर बोलने की सलाह दे डाली। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशजों ने कड़ी नाराजगी जताई है।

राज्यपाल को दूसरे राज्य में भेजें: NCP
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। राज्यपाल अकसर अपने बयानों से विवाद पैदा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब कोश्यारी ने औरंगाबाद में कह दिया कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के हीरो थे। लेकिन शिवाजी महाराज हमारे लिए हमेशा नायक रहेंगे। तपासे ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वे राज्यपाल कोश्यारी को किसी दूसरे राज्य में भेज दें।