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रिपब्लिक टीवी के सीएफओ को पुलिस ने किया तलब, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

मुंबई: टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स यानी (TRP) से छेड़छाड़ करने वाले कथित रैकेट की जांच के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) शिव सुब्रमण्यम सुंदरम को समन जारी किया। उनसे शनिवार सुबह पुलिस मुख्यालय पहुंचकर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। इस बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निजी चैनलों पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
एक अधिकारी ने बताया कि सुंदरम के अलावा मराठी चैनल ‘फक्त मराठी’ एवं ‘बॉक्स सिनेमा’ और कुछ विज्ञापन एजेंसियों के अकाउंटेंट को भी समन जारी किया गया है। सुंदरम को भेजे गए समन में कहा गया है, यह मानने का पर्याप्त आधार है कि वह मामले के कुछ तथ्यों और परिस्थितियों से वाकिफ हैं और उनकी पुष्टि करने की जरूरत है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
चैनलों के बीच छिड़ी टीआरपी की जंग के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निजी चैनलों के लिए शुक्रवार को एडवाइजरी जारी की। इसमें उनसे केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट,1995 के तहत प्रोग्राम कोड का पालन करने के लिए कहा गया है। इसके मुताबिक किसी कार्यक्रम में आधा सच, अश्‍लील और बदनाम करने वाली सामग्री नहीं दिखाई जानी चाहिए।
इसके अलावा कार्यक्रम में किसी व्यक्ति, समूह, समाज के वर्ग, जनसाधारण और देश के नैतिक जीवन की आलोचना, छवि बिगाड़ने या कलंकित करने वाली सामग्री नहीं दिखाई जानी चाहिए। इसमें दिल्ली हाई कोर्ट के हालिया आदेश का जिक्र भी किया गया है।

संसदीय समिति करेगी चर्चा
इस बीच सूचना प्रौद्योगिकी पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति ने टीआरपी मसले पर विचार-विमर्श करने का फैसला किया है। समिति के सदस्य और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने थरूर से यह अनुरोध किया था।

मुंबई पुलिस ने किया है भंडाफोड़
बता दें कि मुंबई पुलिस ने गुरुवार को टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (TRP) से छेड़छाड़ करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था। उसने बताया कि इस संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस मामले में रिपब्लिक टीवी ने पुलिस के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि वह मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दाखिल करेगा।

क्या है मामला?
मुंबई पुलिस का कहना है कि उसने तीन चैनलों की पहचान की है जो उन उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करने के जिम्मेदार पाए गए हैं जिन्हें BARC टीवी चैनल्स को रेटिंग करने के लिए उपयोग में लाता है। बार्क (BARC) एक सैटटॉप बॉक्स के जरिए यह जानकारी हासिल करता है कि उपभोक्ता द्वारा कौन से चैनल देखे गए हैं जिसके आधार पर ही टीआरपी रेटिंग तय की जाती है।

क्या है यह BARC इंडिया
बार्क ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) इंडिया नाम की एक संयुक्त उद्योग उपक्रम है जिसे प्रसारणकर्ता (IBF), विज्ञापनदाता (ISA) और विज्ञापन और मीडिया एजेंसी (AAAI) का प्रतिनिधित्व करने वाले स्टॉकहोल्डर निधिबद्ध करते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीविजन मेजरमेंट निकाय है। BARC इंडिया साल 2010 में शुरू हुआ था और इसका मुख्यालय मुंबई में ही है।

अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करता है BARC
BARC की सबसे बड़ी खासियत आधुनिक तकनीक और उद्योग का मिश्रण है. यह व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित और भविष्य की तकनीक पर आधारित बताई जाती रही है। वहीं BARC India टीवी ऑडियंस मेजरमेंट सिस्टम के सटीक और पारदर्शी संचालन के लिए जिम्मेदार है।

खास तकनीक का होता है उपयोग
BARC इंडिया ऑडियो वाटरमार्किंग तकनीक का उपयोग कर टीवी चैनल्स की व्यूअरशिप का मापन करती है। यह सिस्टम बैरोमीटर ( BAR-o-meters) के जरिए टीआरपी की मॉनिटरिंग करता है। इसका मुंबई में करीब 2000 बैरोमीटर हैं।