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रिश्ता/वफादारी…जब मालकिन की मौत के बाद पालतू कुत्ते ने चौथी मंजिल से कूदकर दी जान!

कानपुर: दुनिया में सबसे ज्यादा वफादार जानवर माना जाने वाला एक कुत्ता (Dog) अपने मालिक के प्यार में किस हद तक जा सकता है, इसका चौंकाने वाला उदाहरण कानपुर में देखने को मिला है. कानपुर के बर्रा के मालिकपुरम इलाके में रहने वाले डॉक्टर दंपत्ति के घर मालकिन की मौत की खबर के बाद मादा कुत्ता (Bitch) जया ने मकान से कूदकर अपनी जान दे दी. उसकी मौत की खबर पूरे शहर में अब चर्चा का विषय बनी हुई है. जो भी सुनता है, उसे विश्वास नहीं होता.

दरअसल, हमीरपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजकुमार सचान बर्रा में रहते हैं. पिछले हफ्ते कानपुर में उनकी महिला चिकित्सक उनकी पत्नी डॉ.अनिता राज की तबीयत अचानक खराब हुई. काफी दिन तक किडनी की शिकायत के चलते उनका निजी अस्पताल में इलाज चला. बुधवार को उनकी मौत हो गई. जबकि वह महिला डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कार्यरत थीं.

शव घर पहुंचा तो जोर-जोर से हूकने लगी जया
जैसे ही उनका शव उनके घर पहुंचा तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था और साथ ही साथ उनकी घर में पल रहे पालतू कुत्ता (मादा) जया भी जोर-जोर से भौंकने लगी. लोगों ने बताया कि जैसे कुत्ते को पता चल गया, वह रो-रोकर हूकती रही. जब कुत्ते का हूकना शांत नहीं हुआ तो डॉ.राजकुमार के बेटे तेजस ने उसे दूसरे हिस्से पर ले जाकर स्टोर रूम में बंद कर दिया. लेकिन यहां से वह किसी तरह दूसरे तल से चौथे तल पहुंच लगी और भौंकने लगी. इसके बाद डॉक्टर के घर वाले अंतिम संस्कार के लिए जैसे निकले, वैसे ही जया ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी, इसमें उसकी जान चली गई.

डॉ.राजकुमार ने बताया कि उसको घर के पास गड्ढा करके दफना दिया गया है. जहां एक और क्षेत्रवासी और मृतक डॉ. अनीता राज के सगे संबंधी उसकी मौत से दुखी थे तो वहीं जया के जाने की चर्चा भी पूरे शहर में फैल गई. लोग कह रहे हैं कि मालकिन के प्रति इतना प्यार न किसी ने सुना और न ही देखा है!

सड़क किनारे से उठाकर लाई थी डॉ अनीता: डॉ राजकुमार
डॉ. राजकुमार ने बताया की उनकी पत्नी अनीता 13 साल पहले जया को सड़क किनारे से उठा कर लाई थीं. उसके शरीर पर कई जगह घाव थे और कीड़े पड़ चुके थे. 1 साल तक उसका इलाज किया और तब से लेकर आज तक वह उनके घर पर एक सदस्य की तरह थी.

जया उनके साथ ही खाना खाती थी: डॉ तेजस
डॉक्टर बेटे तेजस का कहना है कि डॉक्टर अनिता को 13 साल पहले पालतू डॉगी केपीएम हॉस्पिटल के पास बीमार पड़ी मिली थी. तब वह उसे घर ले आईं थीं और उसका इलाज कराया था. इसके बाद उन्होंने ही इसका नाम जया रख दिया था.
आगे तेजस ने बताया कि डॉक्टर अनिता से जया का इतना लगाव था कि जब तक वह घर पर नहीं आ जाती थीं तब तक वह दरवाजे पर देखती रहती थी. जया उनके साथ ही खाना खाती थी. इसने अभी आठ दिन से मां को देखा नहीं था. जब मम्मी की बॉडी आई तो हम लोग नहीं चाहते थे कि ये उनकी बॉडी देखे. लेकिन जब उसने ऊपर से बॉडी देखी तो शायद इसे लगा होगा कि कुछ गलत हो गया है और वह चौथी मंजिल से नीचे कूद गई.