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रोहनिया: हिस्ट्रीशीटर व प्रेमिका की गोली मारकर हत्या, जमीनी विवाद में हत्‍या की आशंका

वाराणसी, रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर में गुरुवार को तड़के सुबह तक़रीबन तीन बजे हिस्ट्रीशीटर हरेंद्र सिंह व उसकी प्रेमिका रुचि सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। डबल मर्डर की जानकारी होते ही इलाके में सनसनी फैल गई। वारदात की सूचना पर आइजी, एसएसपी, एसपी देहात, एसपी अपराध भी मौके पर पहुंचे और छानबीन की। पुलिस के पहुंचने से पहले ही क्राइम स्पाट से छेड़छाड़ की जा चुकी थी। घटनास्थल से पुलिस को 32 बोर के दो खोखे व एक कारतूस मिले। बदमाशों ने चारपाई पर अ‌र्द्धनग्न अवस्था में सो रहे हरेंद्र व रुचि की कनपटी पर गोली मारी थी। क्राइम ब्रांच ने छह लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है।
पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि हत्या में दो से अधिक लोग शामिल थे। हत्याकांड में मृतका के परिवार से जुड़े लोगों की भूमिका संदेह के दायरे में है। पुलिस करोड़ों रुपये की विवादित जमीन से जुड़े मामले को लेकर हत्याकांड की जांच कर रही है। शुक्रवार देर शाम हरेंद्र के पिता शीतला की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। डबल मर्डर को लेकर मृतकों के परिजनों में रोहनिया पुलिस की भूमिका को लेकर भी रोष था। आरोप लगाया कि जमीन से जुड़े विवाद को लेकर पुलिस में शिकायत की गई थी। समय रहते अगर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो वारदात नहीं होती। हत्या के सात घंटे बाद पुलिस को हुई जानकारी रोहनिया थाने से महज दो किलोमीटर दूर जगतपुर में हिस्ट्रीशीटर व एक महिला की हत्या हो जाती है लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी वारदात के सात घंटे बाद होती है।

मौके पर पुलिस जब तक पहुंचती, घटनास्थल से छेड़छाड़ हो चुकी थी। हत्या के समय हरेंद्र व रूचि एक ही चारपाई पर थे या अलग-अलग, हत्यारे घर में किधर से आए, पुलिस अभी तक इन सवालों का जवाब नहीं खोज पाई है। रोहनिया पुलिस का हाल यह कि जब आइजी और एसएसपी के मौके पर आने की जानकारी हुई तब फोरेंसिक टीम व डॉग स्क्वाएड को आनन-फानन में बुलाया गया। हत्याकांड में मारी गई महिला के परिजनों ने रोहनिया थाना प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हाल के दिनों में जमीन से जुड़े कई विवादों में रोहनिया थानेदार का नाम भी उछला है। पुलिस की अब तक की जांच में डबल मर्डर के पीछे भी जमीन विवाद ही सामने आया है। क्राइम ब्रांच हत्याकांड में मारी गई महिला रूचि के चचेरे देवर प्रकाश को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। प्रकाश और हरेंद्र के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।

रात में विवादित जमीन की कराई थी जोताई: रोहनिया थाने का हिस्ट्रीशीटर हरेंद्र अपने घर से कुछ दूरी पर प्रेमिका रूचि सिंह के घर पर ही रहता था। आए दिन शराब और मीट की पार्टी चलती थी। गुरुवार को हरेंद्र ने प्रेमिका के परिवार से जुड़ी विवादित तीन बीघा जमीन को अपने कब्जे में लेते हुए ट्रैक्टर से जोतवा दिया। जमीन की जोताई से पहले हरेंद्र ने घर के समीप एक दुकान से साढ़े तीन किलो मीट खरीदा था। जमीन जोतने के बाद हरेंद्र ने अपने गुर्गो व मजदूरों के साथ शराब-मीट की पार्टी की। पार्टी में हरेंद्र के दो साथी महेंद्र व मोनू भी थे। हरेंद्र को रूचि के घर छोड़ने के बाद दोनों चले गए। शुक्रवार सुबह दस बजे जब दोनों हरेंद्र से मिलने रूचि के घर में दाखिल हुए तो आंगन में चारपाई पर दोनों की लाश देखकर सन्न रह गए। मौके पर मौजूद रूचि के चचिया श्वसुर से पूछा तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब रूचि के चचिया श्वसुर से हत्याकांड के बाबत जानना चाहा तो उन्होंने हत्या की जानकारी होने से इनकार कर दिया। यह कहते हुए कि उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई नहीं दी। रात में हरेंद्र कब आया पूछने पर बताया कि रात को वो अंडा करी और रोटी खाकर सो गए थे। मौके पर मौजूद मृतका की चार वर्षीय बेटी काफी सहमी थी।

मित्र की मौत के बाद उसकी पत्नी से बना लिए थे संबंध: रोहनिया के जगतपुर का रहनेवाला हरेंद्र आपराधिक प्रवृत्ति का था। हरेंद्र के साथ दिन-रात रहने वाला दिलीप हरेंद्र को जेल में खाने की व्यवस्था से लेकर सारी पैरवी करता था। दिलीप की 25 दिसबंर 2016 को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। दिलीप की मौत के बाद हरेंद्र ने उसकी पत्नी रूचि से अवैध संबंध स्थापित कर लिए। रूचि से संबंध के पीछे भी करोड़ों की जमीन का लालच था क्योंकि रुचि के पति और उसके देवर नीरज के मरने के बाद पूरी प्रापर्टी की मालकिन वही थी। रुचि के चचिया श्वसुर लक्ष्मी नारायण की भी कोई औलाद नही होने के कारण उनकी भी प्रॉपर्टी पर रुचि का ही हक था। लक्ष्मी नारायण ने कुछ दिन पहले अपनी कुछ प्रापर्टी भतीजे प्रकाश व उसके साढ़ू के नाम की थी। हरेंद्र ने इसको लेकर विवाद भी किया था। घर के दरवाजे से गुजरी लाश तब पसीजा माता-पिता का दिल

हरेंद्र अपने माता-पिता की इकलौती संतान था: 12 बीघे से अधिक की जमीन का मालिक हरेंद्र खुद था। हरेंद्र के घर की जमीन के एक हिस्से पर दो मंजिला बिल्डिंग का निर्माण भी चल रहा था। परिजनों को इसके एवज में करोड़ों रुपये भी मिले थे। हरेंद्र के आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण घरवाले काफी नाराज रहते थे। रूचि से अवैध संबंध के चलते हरेंद्र ने अपना घर भी इन दिनों छोड़ रखा था। हरेंद्र की हत्या की जानकारी होने पर भी मौके से महज एक सौ मीटर दूर मौजूद परिजन वहां नहीं आए। पुलिस ने जब पोस्टमार्टम के लिए शव को गाड़ी में लादा और शव घर के सामने से गुजरा तब दरवाजे पर मौजूद पत्‍‌नी हेमा और घरवाले रोना शुरू कर दिए। बार-बार हेमा कह रही थी कि ‘तो लोग कहत रहलन की सुधर जईहन लेकिन देखा का भयल चल गइलन न’। मृतक के पिता शीतला बेसुध पड़े थे। शातिर लुटेरा था हरेंद्र पुलिस के अनुसार हरेंद्र काफी मनबढ़ और शातिर लुटेरा था। रोहनिया में उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। रोहनिया के पंडितपुर में शराब ठेका पर हुई सेल्समैन की हत्या में भी हरेंद्र शामिल था। मीरजापुर कछवा में 9 लाख 40 हजार की चर्चित लूट में भी शामिल था। गाव के लोगों ने बताया कि मनबढ़ प्रवृत्ति और शातिर होने के कारण 2005 में पुलिस एनकाउंटर कर देती लेकिन गाववालों के विरोध के कारण नही हो पाया। हरेंद्र जिस मोबाइल का उपयोग करता था उसमें सिर्फ इनकमिंग सुविधा ही थी बाकी किसी से बात करने के लिए अपने खास लोगों के मोबाइल का सहारा लेता था।