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लोकसभा उपचुनाव: शिवसेना ने मोहन डेलकर की पत्नी को दादरा एवं नागर हवेली उपचुनाव में उतारा

दमन: शिवसेना ने दिवंगत निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर की पत्नी कलाबेन डेलकर को इस महीने के अंत में दादरा एवं नागर हवेली लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में उतारा है.
बता दें कि सात बार सांसद रहे मोहन डेलकर का इस साल फरवरी में निधन हो जाने के बाद यह लोकसभा सीट रिक्त हुई थी. उपचुनाव 30 अक्टूबर को होगा, जिसके लिए पर्चा दाखिल करने की अंतिम तारीख आठ अक्टूबर थी. मतों की गणना दो नवंबर को होगी.
बीते 22 फरवरी को दादरा एवं नागर हवेली से 58 वर्षीय सांसद मोहन डेलकर का शव मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित एक होटल के कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला था. उनके पास से गुजराती भाषा में लिखा हुआ एक सुसाइड नोट भी मिला था. 15 पन्नों के सुसाइड नोट में उन्होंने कथित तौर पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक (प्रफुल्ल खोड़ा पटेल) और कई अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के नाम लिखे थे. प्रफुल्ल खोड़ा पटेल दादरा एवं नागर हवेली के साथ लक्षद्वीप और दमन और दीव के प्रशासक भी हैं.
कलाबेन डेलकर बीते सात अक्टूबर को अपने बेटे अभिनव के साथ पार्टी नेता संजय राउत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हो गई थीं.
कलाबेन ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर शुक्रवार को पर्चा भरा. उपचुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के महेश गावित और कांग्रेस के महेश धोडी से होगा.
दादरा एवं नागर हवेली निर्वाचन क्षेत्र में देश की दो अन्य लोकसभा सीटों तथा 30 विधानसभा सीटों के साथ उपचुनाव कराए जा रहे हैं.
मोहन डेलकर अपने राजनीतिक करिअर में अलग-अलग समय पर कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही दलों के सदस्य रहे थे और इस निर्वाचन क्षेत्र से सात बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
चुनाव प्रचार के दौरान कलाबेन ने कहा, उन लोगों ने खुदकुशी के लिए उन्हें मजबूर किया. यह एक लोकप्रिय नेता की हत्या से कम नहीं है. हमें उनके हत्यारों को दंडित करना है. यह लड़ाई इंसाफ के लिए है. यदि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो ईश्वर हमें नहीं माफ करेंगे. मैं बहुत आंसू बहा चुकी, लेकिन अब आंसू बहाने का नहीं बल्कि जबर्दस्त जवाब देने का वक्त है.
उन्होंने कहा, यह पहली बार है जब मैं मोहनभाई के बिना आपके सामने आई हूं. मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि मैं इतनी मजबूत रहूंगी कि आपको शिकायत का कोई मौका नहीं दूंगी. लोगों के प्यार और उनके आदर्शों के कारण मोहनभाई सात बार जीते थे. मैं उसी विचारधारा को आगे बढ़ाऊंगी, जिसने उन्हें इतना लोकप्रिय नेता बनाया.
डेलकर ने 2019 का लोकसभा चुनाव तत्कालीन भाजपा सांसद नटुभाई पटेल को 9,001 मतों के अंतर से हराकर जीता था. पटेल ने 2009 और 2014 में दो बार डेलकर को हराया था, जब उन्होंने (डेलकर) कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.