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वाराणसी सीरियल ब्लास्ट 2006: आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा; 16 लोगों की हुई थी मौत!

वाराणसी/गाजियाबाद: यूपी के वाराणसी में साल 2006 में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मास्टरमाइंड वलीउल्लाह खान को गाजियाबाद की एक अदालत ने सोमवार को मृत्यदंड दिया। संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर 7 मार्च 2006 को हुए इन धमाकों में 16 लोगों की मौत हुई थी और करीब 80 लोग बुरी तरह से घायल हुए थे।
शनिवार को गाजियाबाद सेशन कोर्ट ने यह एतिहासिक फैसला सुनाया है। जिला सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने वलीउल्लाह को दो मामलों में दोषी ठहराया था। मूलरूप से प्रयागराज के फूलपुर का निवासी वलीउल्लाह एक मुफ्ती था। वाराणसी के वकीलों ने उसका मामला लड़ने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसका केस गाजियाबाद स्थानान्तिरित किया गया था। तब से यही इसकी सुनवाई चल रही थी।
बता दें कि 5 मई को सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी वलीउल्लाह को संकट मोचन मंदिर और दशाश्वमेध घाट धमाके के लिए दोषी करार दिया था। जबकि वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन में हुए बम धमाके के केस में बरी कर दिया था। गाजियाबाद सेशन कोर्ट ने सोमवार को एतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक मामले में आजीवन कारावास तो दूसरे मामले में फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट का यह फैसला 16 साल बाद आया है।

गौरतलब है कि 7 मार्च 2006 को काशी एक के बाद एक धमाकों से गूंज उठा था। संकट मोचन मंदिर, कैंट रेलवे स्टेशन और दशाश्वमेध घाट पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे।संकट मोचन मंदिर में ब्लास्ट के बाद वाराणसी के लंका थाने में केस दर्ज किया गया था। वहीं वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए धमाके का मामला जीआरपी थाने में तो दशाश्वमेध घाट धमाके का केस दशाश्वमेध घाट थाने में दर्ज किया गया था। इन तीनों धमाकों में कुल 16 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 76 से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हुए थे। जांच के बाद पता चला कि इन तीनों धमाकों को 5 आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया था। इनमें से एक आतंकी मौलाना जुबेर 2007 में ही LOC पर एनकाउंटर में मारा गया था।

5 अप्रैल 2006 को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
5 अप्रैल 2006 को पुलिस ने वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने वलीउल्लाह के कब्जे से अवैध हथियार के साथ आरडीएक्स डिटोनेटर बरामद किया था और उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया था। जबकि अभी बाकी के तीन आतंकियों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है।