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शिंदे गुट के विधायकों का आरोप- नक्सलियों से मिली धमकी के बावजूद उद्धव ने शिंदे को नहीं नहीं मिलने दी थी जेड प्लस सुरक्षा!

मुंबई: शिंदे गुट और उद्धव गुट के तरफ से लगातार एक दूसरे पर हमले बोले जा रहे हैं। अब शिवसेना के शिंदे गुट ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर प्रदेश के तत्कालीन नगर विकास मंत्री तथा गडचिरोली के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे को जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने का गंभीर आरोप लगाया है। शुक्रवार को शिंदे गुट के प्रवक्ता विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि नवंबर 2021 में गडचिरोली में हुई मुठभेड़ में 26 नक्सलियों के मारे जाने के बाद पालकमंत्री शिंदे को धमकी मिली थी। जिसके बाद उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत थी, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना नेता व राज्य के गृहराज्य मंत्री शंभुराज देसाई को निर्देश दिए थे कि शिंदे को जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध न कराया जाए। अब शिंदे गुट में शामिल शंभुराज देसाई ने कहा कि मुझे सीएम के सरकारी आवास वर्षा से फोन आया था। उद्धव ने मुझे फोन पर स्पष्ट पूछा था कि आपने शिंदे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बैठक बुलाई थी क्या? जिस पर मैंने उन्हें बताया कि इस संबंध में बैठक की है। जिसके बाद उद्धव ने मुझे निर्देश दिया कि आप शिंदे की सुरक्षा नहीं बढ़ा सकते।
उद्धव सरकार में कृषि मंत्री रहे दादाजी भुसे ने कहा कि गडचिरोली के पालकमंत्री के रूप में शिंदे को नक्सलियों से खतरे को देखते हुए उन्हें जेड प्लस सुरक्षा देने के बारे में मंत्रिमंडल की बैठक में भी चर्चा हुई थी। इसके पहले नासिक में शिंदे गुट के विधायक सुहास कांदे ने दावा किया था कि केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे ने शिंदे को जेड प्लस सुरक्षा मुहैया नहीं कराने के निर्देश दिए थे।

आदित्य ठाकरे बोले- गद्दारी के लिए बताए जा रहे हैं कारण
शिंदे गुट के आरापों पर नासिक के येवला में शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि बगावत करने के लिए हिम्मत की जरूरत पड़ती है। लेकिन गद्दारी के लिए कारण बताना पड़ता है। इसलिए इस तरह के कई कारण बताए जाएंगे। दूसरी ओर प्रदेश के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री सतेज पाटील ने कहा कि किसी नेता को सुरक्षा उपलब्ध कराने का फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति लेती है। उसमें मुख्यमंत्री अथवा गृहमंत्री का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। समिति नेताओं पर हमले के संभावित खतरे के बारे में समीक्षा करके सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लेती है। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि उद्धव ने शिंदे को अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराने से मना किया होगा, क्योंकि शिंदे उस समय उद्धव के साथ ही थे। एकनाथ शिंदे को गडचिरोली के पालकमंत्री के रूप में पुलिस विभाग ने अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराई थी।