ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 5 सितंबर तक बढ़ी

मुंबई: पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत सोमवार को 5 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। खबर के मुताबिक कोर्ट में शुरुआती सुनवाई के बाद राउत की न्यायिक हिरासत 22 अगस्त तक वैध थी लेकिन 22 अगस्त सोमवार को स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने उनकी हिरासत 5 सितंबर तक बढ़ा दी है।
बता दें कि इससे पहले 1 अगस्त को राउत को इसी मामले में 4 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजा गया था। गिरफ्तारी के बाद उसी दिन ईडी ने उन्हें विशेष सत्र अदालत में पेश किया। ईडी के अधिकारियों ने 31 जुलाई को शिवसेना नेता के घर पर छापा मारा और कई घंटों तक हिरासत में रखने और पूछताछ करने के बाद 1 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार किया था।
इस साल 28 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राउत को 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की रोकथाम के संबंध में तलब किया था।

जानें- क्‍या है पात्रा चॉल घोटाला?
ईडी ने संजय राउत और वर्षा राउत के दो सहयोगियों की करीब 11.50 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। यह संपत्ति ‘गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ के पूर्व निदेशक और संजय राउत के सहयोगी प्रवीण एम राउत की है। इन संपत्तियों में मुंबई के दादर में वर्षा राउत का फ्लैट और अलीबाग में किहिम समुद्र के किनारे आठ प्लॉट शामिल हैं। इन फ्लैटों और भूखंडों का स्वामित्व वर्षा राउत की पत्नी स्वप्ना पाटकर और संजय राउत के सहयोगी सुजीत पाटकर के पास है। ईडी के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड चॉल के पुनर्विकास में शामिल था। इस चॉल में, महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) से संबंधित 47 एकड़ में 672 किरायेदार रहते थे। कॉन्ट्रैक्ट के तहत रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे। म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था। परन्तु 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए। पात्रा चॉल के किराएदारों के 672 फ्लैट फिर से बनाए जाने थे और करीब 3,000 फ्लैट बनाकर म्हाडा को दिए जाने थे। ये सभी फ्लैट म्हाडा की 47 एकड़ जमीन पर बनाए जाने थे। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने फ्लैट रीडिवलपमेंट करने के बजाय इस 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दिया। मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ केस दर्ज करवाया। इसी मामले में आर्थिक अपराध विंग (EOW) ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया। प्रवीण राउत को संजय राउत का करीबी माना जाता है। इसके अलावा, प्रवीण राउत एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ डायरेक्टर था।
बता दें कि यही वधावन बंधु पीएमसी बैंक घोटाले के भी मुख्य आरोपी हैं। गिरफ्तार के कुछ दिन बाद प्रवीण राउत को जमानत मिल गई थी लेकिन पिछले दिनों ईडी ने प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया।

सुजीत पाटकर, वर्षा राउत और लैंड डील
ईडी ने प्रवीण राउत को जब गिरफ्तार किया तो उसके और सुजीत पाटकर के ठिकानों पर छापा मारा गया। ईडी के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत की पत्नी को 55 लाख रुपये का लोन बिना किसी ब्याज के ही दे दिया। इन्हीं पैसों से संजय राउत के परिवार ने दादर में एक नया फ्लैट खरीद लिया। इसी फ्लैट के सिलसिले में वर्षा राउत से पूछताछ भी की गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रवीण राउत पर आरोप है कि लैंड डील में कमीशन के रूप में प्रवीण राउत को 95 करोड़ रुपये मिले। जिस सुजीत पाटकर के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी उसे भी संजय राउत का करीबी माना जाता है। सुजीत पाटकर और संजय राउत की बेटी, एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी हैं।
संजय राउत पर जिस जमीन घोटाले में शिकंजा कस रहा है, उस पात्रा चॉल लैंड स्कैम में करीब 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है. इस मामले में संजय राउत के सहयोगी प्रवीन राउत की 9 करोड़ रुपये और संजय राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो चुकी है।