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सायन अस्पताल में शव की अदला-बदली मामले में अस्पताल के दो कर्मचारी निलंबित, परिजन ने लगाया किडनी निकालने का आरोप!

मुंबई: बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) के लोकमान्य तिलक (सायन) अस्पताल में इलाज के दौरान जान गंवाने वाले 26 वर्षीय अंकुश सरवदे का शव किसी और को सौंपने के मामले में गलती स्वीकार करते हुए शवगृह में तैनात दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। वहीँ अस्पताल में किडनी रैकेट चलाए जाने के आरोपों को मनपा ने पूरी तरह गलत बताया है।
मुंबई महानगरपालिका की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 28 अगस्त को हादसे के बाद सायन अस्पताल में भर्ती अंकुश सरवदे की 13 सितंबर को मौत हो गई। सरवदे का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
हेमंत दिगंबर नाम के आत्महत्या करने वाले एक व्यक्ति का भी शव अस्पताल के शवगृह में रखा हुआ था। दोनों शवों का रविवार सुबह पोस्टमार्टम किया गया। सरवदे के परिवार वालों ने कहा कि कुछ रिश्तेदारों का इंतजार कर रहे हैं और वे शाम चार बजे शव लेंगे। इसी बीच दिगंबर के परिवार वाले अस्पताल आए और अंकुश सरवदे का शव हेमंत दिगंबर का समझकर अपने साथ ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।
अंकुश के रिश्तेदार जब अस्पताल पहुंचे और उसके शव की मांग करने लगे तब मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद अंकुश के परिवार वालों ने अस्पताल में हंगामा किया। साथ ही मामले की शिकायत पुलिस से की। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब मुंबई महानगरपालिका ने शवगृह में तैनात दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की छानबीन के आदेश दे दिए हैं।

अस्पताल पर किडनी निकाले जाने का आरोप
अंकुश सरवदे के परिवारवालों का आरोप है कि अस्पताल में अंकुश की किडनी निकाल ली गई है। अंकुश के शव की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आएं हैं उसमें उसके पेट पर चीरफाड़ के निशान नजर आ रहे हैं। लेकिन उसके परिवार वालों का आरोप है कि अंकुश के सिर में चोट लगी थी तो पेट में किसलिए चीरफाड़ की गई। इस मुद्दे पर अस्पताल प्रशासन ने अपने बयान में कहा है कि यह आरोप पूरी तरह गलत है। हालांकि अस्पताल की सफाई में अंकुश के पेट में लगे चीरे का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

दूसरी ओर स्थानीय नगरसेविका पुष्पा कोली, विधायक कालिदास कोलंबकर, विधायक कैप्टन तमिल सेल्वन ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग उठ रही है। वहीँ अंकुश के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।