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सावधान! साइबर पुलिस का दावा- सिप्ला का डिस्ट्रिब्यूटर बता रेमडेसिविर देने का वादा कर हो रही भारी ठगी…

मुंबई: देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। वायरस का प्रकोप इतना बढ़ा है कि इसके चपेट में आने वाले दैनिक आंकडे पहली लहर के मुकाबले कहीं ज्यादा है। ऐसे में कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब इंजेक्शन की भारी मांग है। इसी के चलते बड़े पैमाने पर इसके नाम पर ठगी की जा रही है।
साइबर पुलिस ने लोगोंं को सावधान किया है कि सोशल मीडिया पर कुछ ठग खुद को सिप्ला फार्मा कंपनी का डिस्ट्रिब्यूटर बताकर लोगों से दवा देने का वादा कर रहे है। इसके बाद आरोपी लोगों से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कराकर चूना लगा देते हैं, जबकि उनके पास कोई दवा नहीं होती।
साइबर सेल के मुताबिक, उसे इस तरह की कई शिकायतें मिल चुकी हैं। इसलिए लोगों को सावधान किया गया है कि ऐसे ठगों के चंगुल में न फंसे। सिप्ला कंपनी ने भी मामले में साइबर पुलिस से शिकायत की है कि सोशल मीडिया पर खुद को कंपनी से जुड़ा बताकर रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब देने के नाम लोगों से ठगी की जा रही है। ठगी का शिकार होने के बाद लोग कंपनी से संपर्क करने की कोशिश करते हैं तब उन्हें पता चलता है कि उनका कंपनी से कोई लेना देना नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग पहले ही यह साफ कर चुका है कि कोई भी कंपनी या अधिकारी रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब सीधे आम लोगों को नहीं दे सकते। सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों को जिलाधिकारी के जरिए ही रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसलिए लोग सोशल मीडिया पोस्ट या फर्जी विज्ञापनों के चक्कर में आकर अपने पैसे और समय न नष्ट करें। लोगों को कहा गया है कि अगर उनके साथ इस तरह की ठगी हो रही है तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दें।
बता दें कि रेमडेसिविर की कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारी मांग है इसलिए बड़ी संख्या में लोग इसे खरीदने की कोशिश में ठगी का शिकार हो रहे हैं।
नवी मुंबई पुुलिस ने हाल ही में एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के नाम पर उनसे पैसे ले लेते थे और बाद में झूठा दावा करते थे कि पुलिस ने छापा मारकर इंजेक्शन और पैसे जब्त कर लिए हैं।