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स्वतंत्रता दिवस पर CM केजरीवाल ने की तीन अपील- रिश्वत देना और लेना-देश के साथ गद्दारी, आचरण और वातावरण रखें क्लीन

नयी दिल्ली: 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से तीन अपील की हैं। अपनी अपील के माध्यम से मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार और प्रदूषण रोकने की बात कही। अपने इस अभियान के लिए केजरीवाल ने दिल्ली वालों का साथ मांगा है।
इसके साथ ही कोरोना योद्धाओं को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली सचिवालय में सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, भारत के विकास में हमें भी अपना योगदान देना है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैं दिल्लीवासियों से तीन अपील करता हूं। इनमें सबसे पहली अपील है भ्रष्टाचार को रोकने में योगदान देना। हम यह निश्चय कर लें कि न तो किसी काम के लिए रिश्वत देंगे और न ही किसी काम के बदले रिश्वत लेंगे।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, रिश्वत देना और लेना-देश के साथ गद्दारी है। सीमा पर लड़ने वाले हमारे जवानों के साथ गद्दारी है। देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ गद्दारी है।

दूसरी अपील के तहत मुख्यमंत्री ने लोगों से जल, थल एवं वायु प्रदूषण कम करने में सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदूषण बढ़ाकर हम आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी दांव पर लगा रहे हैं, इसलिए हमें ऐसे काम करने चाहिए जिससे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण कम हो सके।

तीसरी अपील के तहत केजरीवाल ने शहर को स्वच्छ रखने में मदद मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा, हम अपना घर या ड्राइंग रूम तो साफ रखते हैं, लेकिन सड़कों का ध्यान नहीं रखते। इस्तेमाल करने के बाद बची हुई चीजों और कचरे को सड़कों पर फेंक देते हैं। इससे हमारा शहर प्रदूषित होता है और गंदगी फैलती है। अपनी उन्नति के लिए हमें अपनी सड़कों और आसपास के इलाकों को भी साफ रखना होगा।

वहीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली सचिवालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में कोरोना योद्धाओं को आमंत्रित किया गया। इन कोरोना योद्धाओं में प्रशासनिक, चिकित्सा, नर्सिग, पुलिस, सिविल डिफेंस और सफाई कर्मचारी अपने बाकी साथियों के प्रतिनिधियों के तौर पर शामिल हुए।
यह वह लोग हैं जो अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना से प्रभावित लोगों की सेवा कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने कहा, इनकी मेहनत, लगन और समर्पण की बदौलत ही प्रभावित लोगों को समय पर इलाज, खाना और अन्य राहत सामग्री मुहैया कराई जा सकी और दिल्ली मॉडल की पूरी दुनिया में पहचान बनी।