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हाथरस मामले में यूपी सरकार का ऐक्शन, प्रियंका गांधी बोलीं- कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? इस्तीफा दें CM योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ रेप और हत्या मामले में शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के चुप्पी तोड़ने के बाद यूपी सरकार ऐक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने हाथरस मामले में लापरवाही बरतने के चलते जिले के एसपी विक्रांत वीर, सीओ और इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीँ सीएम की इस कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर अपनी जिम्मेदारी से हटने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- ‘योगी आदित्यनाथ जी, कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया?’ प्रियंका ने मांग की कि हाथरस के डीएम और एसपी के फोन रिकॉर्ड्स पब्लिक किए जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें। देश देख रहा है और वह अपने पद से इस्तीफा दें।

लल्लू ने भी मांगा इस्तीफा
कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी सीएम से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि कठपुतलियों पर कार्रवाई का खेल खेलकर मुख्यमंत्री जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो और गोरखपुर लौट जाओ, क्योंकि बेटियों की सुरक्षा आपके बस की बात नहीं।’

जंतर-मंतर पर जुटे नेता
वहीं, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पद से इस्तीफा नहीं दे देते और सुप्रीम कोर्ट मामले में संज्ञान नहीं ले लेता, तब तक हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार और उत्पीड़न से जान गंवाने वाली 19 साल की युवती को न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। हाथरस की घटना के विरोध को लेकर नागरिक संगठनों के कार्यकर्ता, छात्र, महिलाएं, आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों के नेता शुक्रवार की शाम जंतर-मंतर पर जुटे। उन्होंने इस दौरान हाथरस की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन पहले इंडिया गेट पर किया जाना था लेकिन राजपथ क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण इसे जंतर मंतर पर किया गया। मास्क पहने हुए लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस्तीफे और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।
योगी सरकार को इस मामले में अपनों का भी साथ नहीं मिल रहा है। बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और मौजूदा केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने पुलिस की ‘संदेहपूर्ण कार्रवाई’ पर सवाल उठाए हैं। एम्स ऋषिकेश में भर्ती उमा भारती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा है कि ऐसा कोई भी नियम नहीं है कि एसआईटी जांच में परिवार किसी से मिल न सके। उन्होंने लिखा कि इससे तो एसआईटी जांच ही शक के दायर में आ जाएगी।

उमा भारती ने योगी आदित्यनाथ को चेताते हुए कहा कि पुलिस की संदेह भरी कार्रवाई से उनकी और पार्टी की छवि पर आंच आई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि हमने अभी राम मंदिर का शिलान्यास किया है और आगे देश में रामराज्य लाने का दावा किया है लेकिन इस घटना पर पुलिस की संदेहपूर्ण कार्रवाई से आपकी सरकार की तथा बीजेपी की छवि पे आंच आई है। वहीं साध्वी निरंजन ज्योति ने भी पीड़िता के शव को उसके परिवार को न दिए जाने पर आपत्ति जताई थी।

क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस की एक युवती के साथ गैंगरेप हुआ था। गैंगरेप के बाद आरोपियों ने युवती की जीभ काट दी थी और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। वारदात के बाद वह एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी। हालत खराब होने के बाद किशोरी को एम्स दिल्ली ले जाया गया था, जहां मंगलवार की सुबह लगभग चार बजे उसने दम तोड़ दिया। मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत का माहौल गर्म है। यूपी पुलिस पर भी मामले में लीपापोती का आरोप लगा है। इसके बाद सीएम ने मामले में कार्रवाई की है।